अभिनेत्री ने आजादी के बाद "बापू" को बताया सत्ता का भूखा और चालाक, कहा- लड़ने की हिम्मत नहीं थी
फिर बिगड़े कंगना के बोल अभिनेत्री ने आजादी के बाद "बापू" को बताया सत्ता का भूखा और चालाक, कहा- लड़ने की हिम्मत नहीं थी
- आप या तो गांधी के फैन हो सकते है या फिर नेताजी के सपोर्टर- कंगना
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। कंगना रनौत इन दिनों सिर्फ विवादित बयान ही नहीं दे रही बल्कि, उनके बोल इस कदर बिगड़ गए है कि, उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों पर निशाना साधना शुरु कर दिया है। हाल ही में अभिनेत्री ने 1947 की आजादी को भीख बताया था और अब उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सत्ता का भूखा और चालाक बताया है। कंगना ने कहा है कि, उनमें लड़ने की हिम्मत नहीं थी। एक्ट्रेस के इस बयान पर उनकी जमकर आलोचना हो रही है। इतना ही नहीं जयपुर में कंगना के खिलाफ कांग्रेस नेता ने शिकायत भी दर्ज करा दी है।
कंगना का विवादित पोस्ट
अभिनेत्री ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर दो लंबी-चौड़ी स्टोरी शेयर की है, जिसमें एक किसी पेपर की एक पुरानी कटिंग है। एक्ट्रेस ने लिखा,"आप या तो गांधी के फैन हो सकते है या फिर नेताजी के सपोर्टर। लेकिन, आप दोनों नहीं हो सकते है। खुद चुनें और फैसला करें।"
गांधी जी पर बिगड़े बोल
कंगना महात्मा गांधी को लेकर लिखती है,"आजादी के लिए लड़ने वालों को..उन लोगों ने अपने मालिकों को दे दिया, जिनके अंदर खुद पर अत्याचार करने वालों से लड़ने की हिम्मत और खून में उबाल तक नहीं था। ये सत्ता के लिए भूखे और चालाक लोग थे। ये वो लोग थे, जिन्होनें हमें सिखाया कि, अगर कोई आपके गाल में एक थप्पड़ मारे तो, दूसरा गाल भी उसके आगे ला दो और ऐसे तुम्हें मिलेगी आजादी। इस तरह से आजादी नहीं सिर्फ भीख मिलती है। अपने हीरो समझदारी से चुनें।"
कंगना का दूसरा पोस्ट
दूसरे पोस्ट में एक्ट्रेस ने इतिहास पर लंबा-चौड़ा लेक्चर लिखा है। कंगना ने लिखा,"गांधी ने कभी भी भगत सिंह और नेताजी को सपोर्ट नहीं किया। ऐसे कई सबूत है, जो इस ओर इशारा करते है कि,गांधीजी चाहते थे कि, भगत सिंह को फांसी हो जाए। इसलिए आपको चुनना है कि,आप किसके समर्थन में हैं, क्योंकि उन सबको याद करते हुए हर साल उनकी जयंती पर याद करना काफी नहीं है। सच कहूं तो,ये मूर्खता नहीं बल्कि बेहद गैरजिम्मेदाराना और सतही है। सभी लोगों को अपना इतिहास और हीरो पता होने चाहिए।
पद्मश्री पुरस्कार पाने के बाद अभिनेत्री का इस तरह से आजादी पर बयान देना और सुकून से रहना,,,ये सिर्फ हिंदुस्तान में ही संभव है। ऐसा अगर वो किसी और देश में करती तो, उन्हें समझ आता कि, इतिहास में क्या हुआ था और वो क्या समझ रही है।