INX Case: चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए SC ने दी सहमति

INX Case: चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए SC ने दी सहमति

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-18 12:44 GMT
INX Case: चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए SC ने दी सहमति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। INX मीडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोर्ट इस मामले पर  मंगलवार या बुधवार को सुनवाई करेगा। शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में चिदंबरम की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के इसी फैसले को चिदंबरम ने चुनौती दी है। इससे पहले बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट, चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 27 नवंबर तक बढ़ा चुकी है। वह अभी ED मामले में तिहाड़ जेल में बंद है।

 

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि "INX मीडिया मामले में चिदंबरम पर लगे आरोप गंभीर हैं और उनकी इस  मामले में सक्रिय भूमिका रही है।" कोर्ट ने यह भी कहा था कि "इसमें कोई संदेह नहीं है कि जमानत सही है, लेकिन यदि ऐसे मामलों में जमानत दी जाती है तो यह बड़े पैमाने पर जनता के हित के खिलाफ होगा।

जमानत के योग्य नहीं चिदंबरम
इससे पहले 2 नवंबर को जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने ED को चिदंबरम की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए कहा था। ED ने अपने जवाब में बताया था कि चिदंबरम द्वारा किए गए अपराधों की गंभीरता के चलते वह कोर्ट से राहत पाने के योग्य नहीं है। ED के मुताबिक यदि चिदंबरम को जमानत दी जाती है तो इससे समाज में भ्रष्टाचार के खिलाफ गलत संदेश पहुंचेगा। बता दें कि ED लगातार चिदंबरम को जमानत दिए जाने का विरोध कर रही है। उसका कहना है कि चिदंबरम एक प्रभावशाली नेता है, ऐसे में यदि उन्हें जमानत दी जाती है तो वह INX मीडिया मामले से जुड़े संभावित सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

क्या है मामला?
कांग्रेस नेता चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए साल 2007 में INX मीडिया को 305 करोड़ रुपए लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी, जिस पर ED ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। वहीं इससे पहले CBI भी चिदंबरम के खिलाफ मई, 2017 में केस दर्ज कर चुकी थी। इसी के चलते 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया, तब से वह अब तक न्यायिक हिरासत में ही है।

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