2019 में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत: रिपोर्ट
2019 में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत: रिपोर्ट
- 2019-23 के दौरान GDP की औसत वृद्धि दर 7 फीसदी के आसपास रह सकती है
- IHS मार्किट की रिपोर्ट में लगाए गए अनुमान
- भारत 2025 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत होते ही देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत इस साल ब्रिटेन को पछाड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इतना ही नहीं भारत 2025 तक जापान को पीछे छोड़ते हुए एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
IHS मार्किट की रिपोर्ट में खुलासा
दरअसल सोमवार को जारी IHS मार्किट की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाए गए हैं। लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी की जीत पर दी गई रिपोर्ट में कहा गया है, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक नजर आता है। 2019-23 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की औसत वृद्धि दर सात फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है।
जापान से भी आगे निकल जाएगी भारत की अर्थव्यवस्था
रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2019 में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और देश की GDP का आकार 3,000 अरब डॉलर के पार निकल जाएगा। ऐसे में भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा। इसी तरह 2025 तक में भारत के GDP का आकार जापान से अधिक हो जाएगा और भारत एशिया प्रशांत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में आगे बढ़ेगा भारत
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में भारत लगातार आगे बढ़ेगा। वैश्विक GDP वृद्धि में भारत का योगदान भी बढ़ेगा। भारत एशिया प्रशांत की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख इंजन होगा। एशियाई क्षेत्रीय व्यापार और निवेश के प्रवाह में भारत का प्रमुख योगदान होगा।
विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में रोजगार के लिए रहेगा दबाव
रिपोर्ट में कहा गया है, जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा अभी 18 प्रतिशत है जबकि लक्ष्य 25 प्रतिशत का है। अगले दो दशक के दौरान भारतीय श्रमबल में हर साल औसत 75 लाख लोग जुड़ेंगे। IHS रिपोर्ट में कहा गया है कि, इससे मोदी सरकार पर विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों दोनों में रोजगार सृजन के लिए दबाव रहेगा।