IAF को सितंबर में मिलेंगे एडवांस्ड स्पाइस-2000 बम, बंकरों को तबाह करने की क्षमता
IAF को सितंबर में मिलेंगे एडवांस्ड स्पाइस-2000 बम, बंकरों को तबाह करने की क्षमता
- बालाकोट एयर स्ट्राइक में स्पाइस-2000 बमों के पेनेट्रेटर वर्जन का इस्तेमाल हुआ था
- बम बिल्डिंग और बंकरों को तबाह करने में सक्षम है
- भारतीय वायुसेना को स्पाइस-2000 बम 'बिल्डिंग ब्लास्टर वर्जन' मिलने वाले हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना को सितंबर के मध्य तक स्पाइस-2000 बम "बिल्डिंग ब्लास्टर वर्जन" मिलने वाले हैं। ये बम बिल्डिंग और बंकरों को तबाह करने में सक्षम है। स्पाइस-2000 बमों का उपयोग बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान भी किया गया था, हालांकि उस समय स्पाइस-2000 बमों के पेनेट्रेटर वर्जन का इस्तेमाल हुआ था जो बिल्डिंग में छेद कर अंदर जाने के बाद ब्लास्ट होता है।
IAF के टॉप सूत्रों ने एएनआई को बताया कि स्पाइस-2000 बमों और मार्क 84 वॉरहेड को सितंबर के मध्य में इज़राइल से भारतीय वायु सेना तक पहुंचाने के लिए निर्धारित किया गया है। ये इमारतों को पूरी तरह से तबाह करने की क्षमता रखते हैं। इजरायल से इन हथियारों की आपूर्ति उस समय के आसपास होगी जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए भारत का दौरा करेंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार ने 100 से ज्यादा स्पाइस 2000 बमों के लिए इस साल जून में इजरायल के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए थे। भारतीय वायुसेना ने उसके पास मौजूद स्पाइस 2000 बमों का उपयोग पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविरों को तबाह करने के लिए कर लिया था। नए बमों की खरीद के लिए इस कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए गए थे।
बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान, भारतीय वायुसेना के 12 मिराज-2000 फाइटर जेट ने LOC के पार जाकर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के कैंप पर स्पाइस-2000 बम गिराए थे। हालांकि, बालाकोट स्ट्राइक में इस्तेमाल किए गए स्पाइस-2000 बम पेनेट्रेटर वर्जन थे, जो इमारतों की छतों पर अपने वजन का इस्तेमाल करके छेद बनाते है और अंदर जाकर विस्फोट करते हैं।