Help: बिना किसी पैनाल्टी के फसल ऋण चुका सकेंगे किसान, केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने पीएम व वित्तमंत्री का आभार माना

Help: बिना किसी पैनाल्टी के फसल ऋण चुका सकेंगे किसान, केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने पीएम व वित्तमंत्री का आभार माना

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-30 15:57 GMT
Help: बिना किसी पैनाल्टी के फसल ऋण चुका सकेंगे किसान, केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने पीएम व वित्तमंत्री का आभार माना
हाईलाइट
  • अल्पकालिक फसली ऋण की पुनर्भुगतान अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ाई
  • किसान बिना दंडात्मक ब्याज के मात्र 4 प्रतिशत ब्याज दर पर कर सकेंगे भुगतान
  • लॉकडाउन के दौरान किसानों की परेशानी समझते हुए केंद्र सरकार का निर्णय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने किसानों द्वारा बैंकों से लिए गए सभी देय अल्पकालिक फसली ऋण बिना किसी पैनाल्टी के 21 मई तक भुगतान करने की छूट दी है। किसान यह ऋण 31 मई 2020 तक चुका सकते हैं। पहले यह 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय था। किसान 31 मई तक अपने फसल ऋण को बिना किसी दंडात्मक ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण का आभार माना है।

भारत सरकार बैंकों के माध्यम से किसानों को रियायती फसल ऋण पर बैंकों को 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज माफी और किसानों को समय पर पुनर्भुगतान पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ प्रदान कर रही हैं। इस प्रकार समय पर पुनर्भुगतान पर 3 लाख रुपए तक का ऋण 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज पर सरकार किसानों को उपलब्ध करा रही है। कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में कई किसान अपने अल्पकालिक फसली ऋण के बकाया भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक जाने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा, आवाजाही पर प्रतिबंध के चलते कृषि उत्पादों की समय पर बिक्री और उनके भुगतान की प्राप्ति में कठिनाई के कारण किसानों को इस अवधि के दौरान अल्पकालिक फसली ऋणों के पुनर्भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

इससे पहले केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी और इससे संबंधित सेवाओं में जुटे लोगों को परेशानी नहीं हो, इस संबंध में इन्हें छूट प्रदान की है, जिससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी। कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) और उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को भी छूट मिली है।

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