पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने किया दिवंगत सुषमा स्वराज का अपमान, विदेश मंत्री जयशंकर ने सुनाई खूब खरी-खोटी
पॉम्पियो पर शंकर का प्रहार पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने किया दिवंगत सुषमा स्वराज का अपमान, विदेश मंत्री जयशंकर ने सुनाई खूब खरी-खोटी
- पॉम्पियो ने किया दिवंगत सुषमा स्वराज का अपमान
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। अमेरिकी पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो इन दिनों अपनी किताब की वजह से सुर्खियों में बने हुए हैं। उन्होंने भारत की दिवगंत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लेकर किताब में ऐसी टिप्पणी की है जिसको लेकर उनकी खूब किरकिरी हो रही है। दरअसल,पॉम्पियो ने अपनी किताब "Never Give an Inch: Fighting for the America I Love" में लिखा है कि, सुषमा स्वराज कभी भी महत्वपूर्ण राजनीतिक प्लेयर नहीं थीं। जिस पर मौजूदा भारतीय विदेश मंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जयशंकर ने कहा कि, सुषमा स्वराज को लेकर जो पॉम्पियो ने दावा किया है मैं उससे असहमत हूं, मै इसकी कड़ी निंदा करता हूं। हालांकि, उसी किताब में पॉम्पियों ने जयशंकर की जमकर तारीफ भी की है।
पूर्व विदेश मंत्री पॉम्पियो ने किताब में दावा किया है कि, साल 2019 में भारत के द्वारा पाकिस्ताम में स्थित बालाकोट में जो सर्जिकल स्ट्राइक हुए उससे दोनों देश परमाणु बम के करीब आ पहुंचे थे। पॉम्पियो ने बताया कि यह जानकारी उन्हें खुद तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ही दी थी।
पॉम्पियो ने किया दिवंगत सुषमा स्वराज अपमान
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पॉम्पियो ने अपनी किताब में भारत के विदेश मंत्रियों के साथ अपने संबंधों को लेकर खुलासा किया है। साथ ही अपने किताब में मौजूदा विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बारे में भी लिखा है। पूर्व विदेश मंत्री पॉम्पियो ने दिवंगत सुषमा स्वराज को अपनी किताब में "गूफबॉल" बताया है। बता दें कि, साल 2014 से साल 2019 तक वो भारत की विदेश मंत्री रहीं थीं। जिनका निधन साल 2019 के अगस्त महीने में हो गया था।
सुषमा स्वराज के लिए क्या लिखा?
पॉम्पियो ने अपने किताब में लिखा है, "भारतीय पक्ष में मेरे समकक्ष भारतीय विदेश नीति में सुषमा स्वराज एक महत्वपूर्ण प्लेयर नहीं थीं। इससे बेहतर मैंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मिलकर काम किया जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और विश्वासपात्र थे।"
पॉम्पियो को जयशंकर का जवाब
एस जयशंकर ने पॉम्पियो की किताब पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैंने पूर्व विदेश मंत्री पॉम्पियो की किताब में सुषमा स्वराज का जिक्र करते हुए एक अंश देखा है। मैंने हमेशा उनका बहुत सम्मान किया है। सुषमा स्वराज के साथ मेरे असाधारण रूप से घनिष्ठ और मधुर संबंध थे। पॉम्पियो की किताब में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के लिए इस्तेमाल की गई अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं।"
पॉम्पियो का दावा- प्यार करता हूं जयशंकर से
पॉम्पियो ने अपनी किताब में "जे" शब्द का इस्तेमाल करते हुए लिखा है "सुब्रह्मण्यम जयशंकर मेरे दूसरे भारतीय समकक्ष थे। मई 2019 में हमने भारत के नए विदेश मंत्री के रूप में जे का स्वागत किया। मैं इससे बेहतर समकक्ष की उम्मीद नहीं कर सकता था। मैं जयशंकर से प्यार करता हूं। जयशंकर अंग्रेजी सहित कुल सात भाषाओं में बात करते हैं। यहां तक कि उनकी भाषा मुझसे भी कुछ बेहतर है।"
डोनाल्ड ट्रंप के करीबी हैं पॉम्पियो
दरअसल, माइक पॉम्पियो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं। साल 2017 से 2020 तक ट्रंप सरकार में सीआईए के निदेशक और 2018 से 2021 तक विदेश मंत्री के पद संभाल चुके हैं। हालांकि, पॉम्पियो साल 2024 के राष्ट्रपति पद के लिए अपने आप को देख रहे हैं।