पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज 84वां जन्मदिन, जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज 84वां जन्मदिन, जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-11 09:14 GMT
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज 84वां जन्मदिन, जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

डिजिटल डेस्क। भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज 84वां जन्मदिन है। उनका जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल में हुआ था। प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे और उन्होंने 2012 से 2017 तक राष्ट्रपति पद संभाला। प्रणब का भारतीय राजनीति में बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस नेता के तौर पर उन्होंने कई मंत्रालयों में काम भी किया। अपने बेहतरीन कामों के लिए उन्हें भारत रत्न और पद्म भूषण पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने कोलकाता यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। उनके जीवन पर कई पुस्तकें भी लिखी जा चुकी हैं।

राजनीतिक करियर

प्रणब मुखर्जी ने अपने 6 दशके लंबे राजनैतिक करियर की शुरुआत साल 1969 में की थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के लिए हुए उपचनुाव में निर्दलीय उम्मीदवार वी के मेनन का सफलतापूर्वक चुनाव प्रचार संभाला था। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नजर उन पर पड़ी और उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांगेस में शामिल किया। कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने विभिन्न सरकारों में कई पद संभाले। उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक भी माना जाता था। 1969 में इंदिरा गांधी ने उन्हें कांग्रेस की टिकट पर राज्यसभा का सांसद बनाया और 1973 में उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया था। 

जब 1975 से लेकर 1977 देश में इंदिरा सरकार ने आपातकाल लगा दिया था, तब अन्य कांग्रेसी नेताओं की तरह प्रणब मुखर्जी पर भी दमनातमक कार्रवाई करने के आरोप लगे थे। विभिन्न मंत्रालय में काम के अनुभव के चलते उन्हें पहली बार 1982 से लेकर 1984 देश के वित्त मंत्री के रूप में काम किया। वह 1980 से लेकर 1985 राज्यसभा में सदन के नेता भी रहे।

हालांकि, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी ने उन्हें ज्यादा महत्व नहीं दिया और एक तरीके से वह हाशिय पर चले गए थे। वर्ष 1984 में इंदिरा की हत्या के बाद राजीव की जगह वह खुद प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। लेकिन, किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और यह कुर्सी राजीव गांधी को मिल गई। राजीव के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी का गठन कर लिया। हालांकि, 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद पी वी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार के बाद मुखर्जी का राजनैतिक करियर फिर चमक उठा। 1991 में राव ने उन्हें योजना आयोग का प्रमुख नियुक्त कर दिया और 1995 में उन्हें विदेश मंत्री नियुक्त कर दिया गया।

नबंर-13 से अनोखा रिश्ता
प्रणब मुखर्जी का नंबर-13 से अनोखा रिश्ता है। वह भारत के 13 वें राष्ट्रपति रहे, दिल्ली में उनके पास 13 नंबर का बंगला भी है, यही नहीं उनकी शादी की सालगिरह भी 13 तारीख को आती है। उनकी शादी 13 जुलाई 1957 में हुई थी। इतना ही नहीं राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम भी 13 जून को ही सामने आया था। 

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