चारा घोटाला: 37 आरोपियों को दुमका ट्रेजरी मामले में सुनाई गई सजा
चारा घोटाला: 37 आरोपियों को दुमका ट्रेजरी मामले में सुनाई गई सजा
डिजिटल डेस्क, रांची। चारा घोटाले मामले में अदालत ने आज बुधवार को एक और बड़ा फैसला सुना दिया है। दुमका कोषागार से जुड़े 34 करोड़ 90 लाख के अवैध निकासी से जुड़े मामले में 37 लोगों को सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही अदालत ने उनकी चल-अचल संपत्ति की जांच करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 45ए/96 में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी कर ली थी, जिसके बाद आज सजा का ऐलान किया गया।
बता दें कि कोर्ट ने आरोपियों को साढे तीन साल से लेकर 14 साल तक की सजाएं सुनाई हैं और पचास लाख से लेकर दो करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। चारा घोटाले से जुड़े मामलों में यह सबसे बड़ा अर्थदंड है। दुमका के तात्कालीन क्षेत्रीय पशुपालन पदाधिकारी ओपी दिवाकर को सीबीआई कोर्ट ने आईपीसी और पीसी एक्ट के विभिन्न धाराओं के तहत सात सात साल की सजा और एक एक करोड़ रुपए का अर्थदंड लगाया है।
इससे पहले अदालत ने मामले में फैसला सुनाते हुए 37 अभियुक्तों को दोषी करार दिया था, जबकि पांच को बरी कर दिया था। इसके बाद दोषियों के सजा के बिंदु पर फिर सुनवाई शुरू हुई। इनमें राजन मेहता, सर्वेंदु कुमार दास, संजय शंकर, संजय कुमार अग्रवाल, शशि कुमार, सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद एवं विनोद कुमार झा शामिल हैं। चारा घोटाले का यह 51 वां मामला है, जिसमें सजा सुनायी गई है।
क्या था मामला
वर्ष 1991-92 और वर्ष 1995-96 के बीच दुमका कोषागार से 34 करोड़ 91 लाख 54 हजार 844 रुपए की अवैध निकासी की गई थी, इस मामले को लेकर सबसे पहले दुमका के तत्कालीन एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पद पर रहे राजीव अरुण एक्का ने 22 फरवरी 1996 को दुमका टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसके बाद 15 अप्रैल 1996 को सीबीआई ने कांड संख्या आरसी 45ए/96 के तहत 72 आरोपितों के खिलाफ जांच शुरू की थी।
12 अक्तूबर 2001 को अदालत में चार्जशीट दायर की गई थी, वहीं 24 जुलाई 2004 को 60 अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में चार्जफ्रेम हुआ था। ट्रायल के दौरान 14 अभियुक्तों का निधन भी हो गया था। अदालत ने 9 अप्रैल 2018 को ट्रायल फेस कर रहे 42 अभियुक्तों में से 37 को दोषी ठहराया था, दोषियों में 16 पशुपालन विभाग के अधिकारी व डॉक्टर और 21 आपूर्तिकर्ता थे।