इस वजह से खालिस्तान समर्थक लंदन में अमृतपाल के पक्ष में कर रहे प्रदर्शन, जानें यूके में प्रोटेस्ट करने के क्या हैं नियम?
खालिस्तानी समर्थक का बवाल इस वजह से खालिस्तान समर्थक लंदन में अमृतपाल के पक्ष में कर रहे प्रदर्शन, जानें यूके में प्रोटेस्ट करने के क्या हैं नियम?
- एलिजाबेथ के निधन के बाद हुए थे प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की गूंज अब विदेशों में भी सुनाई देने लगी। ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भी खालिस्तानी समर्थकों का प्रदर्शन जारी है। 20 मार्च को लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग पर खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने हमला करते हुए भारतीय झंडा को नीचे उतार दिया और वहां पर खालिस्तानी झंडा फहराने की कोशिश की। जिसके बाद हमलावरों ने दूतावास के बाहर की दीवार पर स्प्रे की मदद से बड़े-बड़े अक्षरों में 'फ्री अमृतपाल' लिख दिया। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यूनाइटेड किंगडम में धरना-प्रर्दशन को हरी झंडी मिली हुई है?
दरअसल, यूरोपियन कन्वेंशन ऑफ ह्युमन राइट्स के आर्टिकल 10 और 11 के तहत प्रदर्शन कर रहे लोगों को इसकी छूट है। वहां पर प्रदर्शन करना सीधे तौर पर ह्युमन राइट्स के अंतर्गत शामिल है, यदि कोई अपने मुद्दे पर अपनी बात रखना चाहता है और उसके लिए सारे जरिए खत्म हो चुके हों यानी वो पहले से ही सरकार से भी गुजारिश कर चुका हो और तब भी उस मसले पर किसी भी तरह की सुनावाई नहीं हुई हो, तो वो प्रोटेस्ट कर सकते हैं। लेकिन इसके पीछे शर्त है कि प्रोटेस्ट शांतिपूर्ण होना चाहिए। आपको बता दें कि, प्रोटेस्ट करने से किसी को दिक्कत हो और किसी तरह की हिंसा हो, या फिर पब्लिक या प्राइवेट प्रॉपर्टी का नुकसान हो, तो पुलिस कार्रवाई कर सकती है। यूके पब्लिक ऑर्डर एक्ट 1986 में इसका भी प्रावधान रहा है।
जानें क्या है नियम
हाल ही में यूके कानून में एक और संशोधन किया गया है। अब उन्होंने अपने कानून में पोलिस, क्राइम, सेंटेंसिंग एंड कोर्ट एक्ट (PCSC) को शामिल किया है। इसके बारे में यूके की सरकारी वेबसाइट पर भी इसका जिक्र किया गया है। इसके तहत प्रदर्शन के दौरान अगर शोर हो, जिसपर कोई शिकायत करे तो भी स्कॉटलैंड यार्ड जाकर प्रदर्शनकारियों पर एक्शन लिया जा सकता है। वहां पर प्रोटेस्ट के चलते किसी को दफ्तर जाने में देरी का सामना करना पड़ता है, यानी प्रदर्शन से मेडिकल जैसी समस्याएं हो रही है तो वो पुलिस की सहायता ले सकता है। इसके अलावा अगर सड़क मार्ग से खाने-पीने जैसी चीजों का ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित हो रहा है, तो पुलिस तत्काल प्रभाव के तहत रास्ते से प्रोटेस्टर्स को हटा सकती है।
बता दें कि, सामुहिक प्रदर्शन के अलावा वन-पर्सन प्रोटेस्ट भी नए नियम से अगल नहीं है। यदि कोई एक व्यक्ति प्रदर्शन कर रहा हो और वह दूसरे शख्स का प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाए तो ब्रिटेश पुलिस प्रदर्शन को बीच में ही रोककर नुकसान के मुताबिक कार्रवाई कर सकती है।
वस्त्रहीन प्रदर्शन वाले लोगों के लिए भी सख्त नियम
गौरतलब है कि, इंग्लैंड और वेल्स में प्रोटे्सट के दौरान कई बार लोग न्यूड अवस्था में पाए गए हैं। लेकिन इस दौरान वो किसी को हानि पुहंचाने चाहते हैं तो उस पर पुलिसिया कार्रवाई होती है। जैसे सड़क पर खड़ी भीड़ नारेबाजी कर रही हो, लेकिन किसी गाड़ी को देखते ही वह न्यूड होने लगें तो इसका सीधा मतलब है कि प्रदर्शनकारी शॉक देना चाहते हैं। ऐसे में न्यूड प्रोटेस्ट पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसका असर छोटे बच्चों के दिमाग पर भी होता है। ये सारे नियम इंग्लैंड और वेल्स के लिए हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्कॉटलैंड खुद को ब्रिटेन से अलग मानता है, लेकिन प्रोटेस्ट के मामले वह भी इसी नियम को फोलो करता है। क्रिमिनल जस्टिस एंड लाइसेंसिंग स्कॉटलैंड एक्ट 2010 के सेक्शन 38 के तहत प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई कर सकती है, यदि वो किसी को नुकसान पुहंचाते हैं तब।
एलिजाबेथ के निधन के बाद हुए थे प्रदर्शन
पिछले साल सितंबर माह में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद बहुत सारे लंदन और एडिनबरा की सड़को पर प्रोटेस्ट करने के लिए उतर आए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अब लोकतंत्र का दौर है, ऐसे में साही परिवार के लिए इतना तामझाम ठीक नहीं है। इस दौरान प्रदर्शनकारी क्वीन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। जिसके बाद लंदन पोलिस (पुलिस) ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को हिरासत में ले लिया। तब प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को सालभर की कैद की सजा सुनाई गई। साथ ही कई लोगों पर 5 हजार पाउंड का जुर्माना भी लगाया गया था और कई लोगों पर दोनों तरह के सजा का प्रवाधान किया गया था। यदि वहां पर प्रदर्शन से किसी भी तरह का नुकसान होता है, तो कैद और पेनल्टी दोनों बढ़ाई जा सकती है।
ब्रिटिश के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसी साल प्रोटेस्ट को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। वहां पर पब्लिक बिल में और कई संशोधन हुए, जिसमें पुलिस को कई तरह की छूट दी गई है। इसके तहत अगर प्रदर्शनकारी सड़क को जाम कर रहे हैं या फिर शोर कर रहे हों। जिसके बाद स्थिति देखते हुए पुलिस को इंतजार नहीं करना होगा कि प्रोटेस्ट करने वाले, दंगा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। नए नियम के तहत पुलिस संभावना को देखते हुए कार्रवाई कर सकती है।