नए साल और क्रिसमस पर इवेंट्स के चलते, अगले 6 से 8 हफ्ते भारत के लिए क्रिटिकल
ओमिक्रॉन को लेकर विशेषज्ञ की चेतावनी नए साल और क्रिसमस पर इवेंट्स के चलते, अगले 6 से 8 हफ्ते भारत के लिए क्रिटिकल
- मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने लोगों को आगाह किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने अब भारत में भी अपना खतरनाक रूप दिखाना शुरू कर दिया है। भारत में पहला केस की पुष्टि दो दिसंबर को हुई थी और सिर्फ 20 दिन के अंदर ही यह आकड़ा 229 पहुंच गया है। भारत सरकार भी इसके बढ़ते प्रकोप को लेकर एक्टिव हो गयी है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमिक्रॉन की समीक्षा को लेकर अहम बैठक करने जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने राज्यों को गाइडलाइंस जारी करते हुए अलर्ट कर दिया है। देश में ओमिक्रॉन के मामले दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं।
ऐसे में मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन का बयान सामने आया है, जहां उन्होंने भारत के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि अगले 6 से 8 हफ्ते क्रिटिकल होने वाले है।
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन अब चिंता का विषय बन चुका है। अभी कुछ हफ्ते पहले हमें नहीं पता था कि यह फैल रहा है या नहीं, लेकिन पिछले तीन हफ्तों में ये स्पष्ट हो गया है कि यह बहुत तेजी से फैल रहा है।
भारत में इसकी मल्टीप्लाई करने की जो क्षमता है (RO factor) वह डेल्टा वायरस से तीन-चार गुना ज्यादा है।
इसके संक्रमण को लेकर उन्होंने आगे बताया कि आकड़ो पर नजर डाले तो इसकी संक्रमण रफ्तार बहुत तेज है, यूके, दुबई, अमेरिका के आंकड़े हमें बता रहे हैं कि ये एक ऐसी लहर है, जो बहुत तेजी से फैलती है-एक कॉलेज की डॉरमेट्री में 900 स्टूडेंट्स थे और सबको हो गया।
दुबई में अभी रिपोर्ट आई है कि एक पार्टी में 45 लोग थे और 40 लोग पॉजिटिव निकले। पहले के वैरिएंट की रफ्तार इतनी तेज नहीं थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में इसके सही आंकड़े पता नहीं चल रहे क्योंकि जीनोम सिक्वेंसिंग में टाइम लगता है और हर एक की जीनोम सिक्वेंसिंग भी संभव नहीं है।
बड़े स्तर पर हो टेस्टिंग
बढ़ते संक्रमण पर लगाम कसने के लिए उन्होंने कहा कि इसके लिए तीन चीजें करनी होंगी- पहला, टेस्टिंग बढ़ाई जाए। दूसरा, किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आए बेशक तब तक ओमिक्रॉन की पुष्टि नहीं हुई हो, उसे ओमिक्रॉन केस ही समझा जाए।
उनकी आइसोलेशन गाइडलाइन्स के मुताबिक ही होनी चाहिए। उनके सारे कॉन्टैक्ट की ट्रेसिंग तुरंत की जाए। जिन लोगों को हो गया है उनका इलाज तुरंत हो।
ऐसे में जो डर है कि कितनी तादाद में फैलेगा और कितनी लोग इतने बीमार होंगे जिन्हें आईसीयू की जरूरत होगी और मृत्यु भी हो सकती है, इसे कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
पाबंदियां जरुरी, क्योंकि 8 हफ्ते बेहद क्रिटिकल
नए साल के जश्न और क्रिसमस की छुट्टियों जैसे मास इवेंट को लेकर डॉ. त्रेहन ने आगाह किया कि इसके संक्रमण रेट को देखते हुए प्रतिबंध जरुरी है। क्रिसमस और न्यू ईयर को लेकर आज से ही कड़े उपाय अपनाए जाने चाहिए। जैसे- नाइट कर्फ्यू, नाइट क्लब, बार को बंद करने की जरूरत है। टाइमिंग बहुत गलत है लेकिन आने वाले 6 से 8 हफ्ते भारत के लिए बहुत क्रिटिकल हैं।
क्या यह डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है?
डेल्टा वैरिएंट की तुलना में डॉ. त्रेहन ने कहा कि इसका अभी उनके पास को साक्ष्य नहीं है क्योंकि अभी तक ये संक्रमण सिर्फ युवाओं में ही देखने को मिला है क्योंकि वे ज्यादा सोशल इवेंट्स में जाते हैं और मास्क नहीं पहनते हैं इसलिए कई देशों में देखा गया है कि युवाओं को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
लॉकडाउन की जरूरत नहीं
लॉकडाउन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार तो सतर्क है। एडवाइजरी राज्यों को जारी कर दी गई है। अभी तक लॉकडाउन की जरूरत तो नहीं है लेकिन लोगों को मास्क पहनने की जरूरत है। भीड़ वाली जगह से बचना भी जरुरी है। अगर हम 4-6 हफ्ते ये कर लेंगे तो उम्मीद है कि इसके फैलने की गति धीमी हो जाएगी।