एक्सीडेंट में घायल क्लीनर का पैर काट डॉक्टरों ने बना दिया 'तकिया'
एक्सीडेंट में घायल क्लीनर का पैर काट डॉक्टरों ने बना दिया 'तकिया'
डिजिटल डेस्क, झांसी। यूपी के झांसी में जिले में एक स्कूल बस का एक्सीडेंट हो गया। इस बस एक्सीडेंट में क्लीनर बुरी तरह से घायल हो गया। जिसे तत्काल मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसकी टांग काट दी। इसके बाद डॉक्टरों ने तकिए की जगह उसके सिर के नीचे उसकी कटी हुई टांग रख दी। डॉक्टरों की इस शर्मनाक हरकत को किसी ने कैमरे में कैद कर लिया और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद शासन ने घटना को गंभीरता से लिया और दो सीनियर डॉक्टरों व नर्सों समेत चार चिकित्सा अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
जांच कमेटी गठित
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस मामले में जांच कमेटी गठित कर कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, शनिवार को इटायल से मऊरानीपुर जा रही स्कूली बस शनिवार ट्रैक्टर को बचाने के चक्कर में पलट गई। बस में बच्चे भी सवार थे। बस पटलने पर चीख पुकार मच गई और पास से गुजर रहे राहगीरों ने पुलिस को घटना की सूचना दी और गांव वालों की मदद से बस में फंसे आधा दर्जन बच्चों को बाहर निकाला गया।
दो छात्र भी हुए घायल
इस हादसे में 11वीं की छात्रा मालती (17) निवासी लरोनी, भागवत राजपूत (18) निवासी इटायल और बस का क्लीनर घनश्याम निवासी इटायल गंभीर रूप से जख्मी हो गए। सभी को पास के सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने क्लीनर घनश्याम की हालत बिगड़ते देख उसे महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर कर दिया। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में घायल क्लीनर के साथ जैसा सलूक किया गया उसे देख यही कहा जा सकता है कि डॉक्टरों ने शर्मनाक काम किया है।
पहले तो डॉक्टरों ने जख्मी पैर को ऑपरेशन कर काट दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने तकिया की जगह मरीज के सिरहाने पर उसी का कटा हुआ पैर रख दिया। यह देख मरीजों के साथ उनके तीमारदार भी हैरत में पड़ गए। सोशल मीडिया में यह फोटो वायरल होते ही मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. हरीश चन्द्र आर्य ने आनन-फानन जांच के आदेश दिए हैं।
दो सीनियर डॉक्टर और नर्सें निलंबित
झांसी मेडिकल कालेज में हुई इस घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के निर्देश पर शासन ने कड़ी कार्रवाई की है। आशुतोष टंडन के निर्देश पर दो वरिष्ठ डाक्टरों सीनियर आर्थोपैडिक सर्जन आलोक अग्रवाल व इमरजेंसी मेडिकल आफिसर डॉ. महेंद्र पाल सिंह और दो स्टाफ नर्सों दीपा नारंग व शशि श्रीवास्तव को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही परामर्शदाता डॉ. प्रवीण सरावगी को चार्जशीट देकर खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
विभागीय कार्रवाई शुरू की गई
आशुतोष टंडन ने बताया कि झांसी मेडिकल कालेज की प्रिंसिपल साधना कौशिक से घटना के संबंध में तथ्य हासिल किए गए। शासन ने इसे गंभीरता से लिया है और डॉक्टरों को निलंबित कर जांच समिति गठित कर दी गई है। मेडीकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. हरीश चन्द्र आर्य ने माना कि तकिया की जगह पर मरीज का कटा पैर सिरहाने पर लगाना गलत हैं। उन्होंने लापरवाही बरतने पर जांच कर सम्बंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
बचाव में उतरीं प्रधानाचार्य
मेडिकल कालेज में लापरवाही की पराकाष्ठता सामने आने के बाद भी प्रधानाचार्य डा. साधना कौशिक दोषी कर्मचारियों का बचाव करती नजर आईं। उन्होंने जिलाधिकारी को बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने जानबूझकर मरीज का पैर उसके सिर के नीचे रखकर फोटो खींचकर वायरल कर दी। प्रधानाचार्य ने कहा कि यह कृत्य मेडिकल कालेज की छवि धूमिल करने के लिए किया गया।