30 बार चुनाव हारने के बाद भी नहीं मानी हार, एक बार फिर मैदान में सुबुधी
30 बार चुनाव हारने के बाद भी नहीं मानी हार, एक बार फिर मैदान में सुबुधी
- 1992 से शुरू किया चुनाव लड़ने का सिलसिला
- 30 बार हारने के बाद फिर उतरे चुनावी मैदान में
- अस्का और बरहमपुर लोकसभा सीट से भरा नामांकन
डिजिटल डेस्क, ओडिशा। देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारियां चल रही है। पार्टियां अपने प्रत्याशियों के चयन में लगी हुई है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी है, जिनके लिए चुनाव लड़ना एक शौक बन चुका है। इनके लिए राजनीतिक पार्टी मायने नहीं रखते। ओडिशा के बरहमपुर के श्याम बाबू सुबुधी के लिए चुनाव लड़ना एक जुनून सा बन चुका है। उन्होंने अबतक 30 अलग-अलग चुनाव लड़े और एक भी चुनाव नहीं जीता। इसके बावजूद श्याम बाबू सुबुधी ने हार नहीं मानी और एक बार फिर आगामी लोक सभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कमर कस ली है।
ANI न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में सुबुधी ने कहा- उन्होंने सबसे पहले साल 1992 में चुनाव लड़ने के सफर की शुरूआत की, उस समय सुबुधी लोकसभा और ओडिशा विधानसभा चुनाव में खड़े हुए थे। उन्होंने बताया उनके पास कई राजनीतिक पार्टियों से प्रस्ताव आए, लेकिन उन्होंने हमेशा निर्दलीय ही चुनाव लड़ा।
इस साल सुबुधी ने अस्का और बरहमपुर लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। सुबुधी ने बताया कि वे पी. व्ही. नरसिंभाराव और बीजू पटनाइक के खिलाफ भी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।
स्याम सुबुधी का कहना है कि "वो राज्य की वर्तमान राजनीति से नाखुश हैं, क्योंकि राजनेता कहीं न कहीं पैसों का लालच देकर मतदाताओं को बहकाने की कोशिश करते हैं।"बता दें कि लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू हों रहें हैं जो 19 मई तक चलेंगे। 23 मई को नतीजों की घोषणा कर दी जाएगी।