Indian Railway: 3840 ट्रेनों में सिर्फ 71 ट्रेनें हुई डायवर्ट, सिर्फ 4 ट्रेनों को लगा 72 घंटे से अधिक का समय

Indian Railway: 3840 ट्रेनों में सिर्फ 71 ट्रेनें हुई डायवर्ट, सिर्फ 4 ट्रेनों को लगा 72 घंटे से अधिक का समय

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-29 17:25 GMT
Indian Railway: 3840 ट्रेनों में सिर्फ 71 ट्रेनें हुई डायवर्ट, सिर्फ 4 ट्रेनों को लगा 72 घंटे से अधिक का समय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रेल ने साफ किया है कि कोई भी ट्रेन अपने मार्ग से नही भटकी है। रेलवे बोर्ड के चेयरमेन विनोद कुमार यादव ने इस बात का खंडन किया है कि ट्रेनों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में 9 दिनों तक समय लगा है। नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि शुक्रवार तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया गया है। इनमे सिर्फ 71 ट्रेनों का रूट ही बदला गया। इनमें से सिर्फ 4 ट्रेनों को ही 72 घन्टे से ज्यादा का समय लगा। जो 4 ट्रेनें ज्यादा लेट हुईं, वो उत्तरपूर्व में भूस्खलन की वजह से हुई।

90 फीसदी यानी 3500 ट्रेन समय पर चलायी गईं
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने साफ किया कि 19 मई से पहले किसी भी ट्रेन के रूट में बदलाव नहीं किया गया, जबकि 20 से 24 मई के बीच 1279 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गयीं। उन्होंने साफ किया कि 3840 ट्रेनों में से 90 फीसदी यानी 3500 ट्रेन समय पर चलायी गईं। शुक्रवार तक ट्रेनों का व्यौरा देते हुए सीआरबी ने कहा कि अब तक 3840 ट्रेनों के जरिये कुल 52 हजार 40 हजार यात्री अपने गंतव्य स्थान को पहुंच चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 15 मई से 24 मई के बीच 20 लाख यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया। इसके हिसाब से प्रतिदिन 3 लाख यात्रियों को घर पहुंचाया गया। इन ट्रेनों में से 80 फीसदी ,बिहार और उत्तरप्रदेश के लिए चलाई गई।

अधिकतर ट्रेनें दोपहर 2 से 12 बजे के बीच चलाई गईं
उन्होंने कहा कि अब राज्यों की तरफ से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग कम आ रही है, आज 279 ट्रेनों की मांग आई थी, जबकि 28 मई को 137 और 27 मई को 172 ट्रेनों की मांग आई थी। उन्होंने यह भी बताया कि अधिकतर ट्रेनों को दोपहर 2 बजे से 12 बजे के बीच चलाया गया, जिसकी वजह से ट्रैक पर ट्रैफिक ज्यादा रही। 

ट्रेन में भूख से मजदूरों की मौत को नकारा                 
उन्होंने साफ किया कि ट्रेनों में भूख से हुईं मौत की खबर गलत है, जो भी मौत हुई है उसकी जांच की जा रही है, लेकिन उन्होंने बताया कि ट्रेनों में पर्याप्त खाना और पानी दिया जा रहा है। ट्रेनों में अब तक 30 से ज्यादा डिलीवरी हुई है, इन महिलाओं को निकटस्थ रेलवे स्टेशन पर चिकित्सा सुविधा पहुचाई गयी हैं। उन्होंने लोगो से अपील की जो महिलाएं गर्भवती हैं, या जो लोग गंभीर रुप से बीमार हैं वो इस समय यात्रा न करें।

श्रमिकों से नहीं लिए जा रहे पैसे
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने एक बार फिर कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में श्रमिक भाइयों से टिकट के पैसे नहीं लिए जा रहे हैं। 85 फीसदी केन्द्र और 15 फीसदी राज्य सरकार फेयर वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम नॉर्मलसी की तरफ बढ़ेंगे, ट्रेनों को आवश्यकता के अनुसार चलाई जाएगी। साथ भी उन्होंने यह भी साफ किया कि जब तक जरूरत होगी, श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाई जाती रहेंगी।

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