Delhi Violence: मनमोहन ने हिंसा को बताया राष्ट्रीय शर्म, सोनिया ने कहा- सरकार ने की अनदेखी

Delhi Violence: मनमोहन ने हिंसा को बताया राष्ट्रीय शर्म, सोनिया ने कहा- सरकार ने की अनदेखी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-27 07:45 GMT
Delhi Violence: मनमोहन ने हिंसा को बताया राष्ट्रीय शर्म, सोनिया ने कहा- सरकार ने की अनदेखी
हाईलाइट
  • दिल्ली हिंसा के मामले में कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा
  • दिल्ली हिंसा में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है
  • सोनिया गांधी ने कहा
  • गृह मंत्री और पुलिस हिंसा रोकने में नाकाम रहे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को दिल्ली की हिंसा को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति भवन पहुंच कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपा और हिंसा को सरकार की लापरवाही करार देते हुए गृहमंत्री को हटाने की मांग भी की। सोनिया गांधी ने कहा दिल्ली और केंद्र सरकार ने हिंसा की अनदेखी की है। वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने दिल्ली हिंसा को राष्ट्रीय शर्म बताते हुए केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन करने की अपील की है।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में सोनिया गांधी ने कहा, हिंसा के दौरान केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी रही। सरकार की ओर से जरूरी कदम नहीं उठाए गए, जिसकी वजह से हिंसा भड़की। सरकार की लापरवाही ने कई लोगों की जान ले ली। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में सोनिया गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, एके एंटनी और कुमारी शैलजा जैसे नेता थे।

सोनिया गांधी ने कहा, गृह मंत्री और पुलिस हिंसा रोकने में नाकाम रहे हैं। चार दिन की हिंसा में करोड़ों की संपत्ति और लोगों के अपनों का नुकसान हुआ। उम्मीद है राष्ट्रपति जरूरी कदम उठाएंगे।

सोनिया गांधी ने कहा, राष्ट्रपति कोविंद ने उन्हें आश्वासन दिया है वह इस मामले को देखेंगे। सोनिया से जब पूछा गया उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा था, तो उन्होंने कहा हम आज भी अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, दिल्ली हिंसा सरकार की नाकामी है और राष्ट्रीय शर्म की बात है। राष्ट्रपति राष्ट्रधर्म की रक्षा करें।

बता दें कि, दिल्ली हिंसा में अब तक करीब 35 लोगों की मौत हो चुकी है। जीटीबी अस्पताल समेत कई अस्पतालों में 200 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है।

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