Delhi violence: जज के तबादले पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, रविशंकर बोले- कॉलेजियम की सिफारिश पर हुआ ट्रांसफर
Delhi violence: जज के तबादले पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, रविशंकर बोले- कॉलेजियम की सिफारिश पर हुआ ट्रांसफर
- कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर पीएम मोदी और अमित शाह से पूछे सवाल
- केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर कांग्रेस को दिया जवाब
- दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले पर बवाल
- रविशंकर प्रसाद ने कहा
- पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद जारी हुआ तबादले का आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हिंसा के बीच हाईकोर्ट के जज जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर को लेकर अब सियासी विवाद खड़ा हो गया है। जज के ट्रांसफर की टाइमिंग पर केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष के सवालों के घेरे में आ गई है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रातों-रात जज के तबादले की तुलना हिट एंड रन केस से की है। सरकार पर हमला बोलते हुए सुरजेवाला ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से कई सवाल भी किए हैं। वहीं विपक्ष को जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, पूरी कानूनी प्रक्रिया और कॉलेजियम की सिफारिश पर ट्रांसफर का आदेश जारी किया गया है।
Modi Govt’s new ‘hit run’ show!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 27, 2020
Objective - Stifle the judiciary.
Aim - Save the perpetrators of hate.
Wait for a Spl AICC PC at 10 AM today! pic.twitter.com/8aKA8iXuSf
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि, ऐसा लग रहा है देश में न्याय करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सुरजेवाला ने कहा, भड़काऊ बयान देने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ सुनवाई कर रहे दिल्ली हाइकोर्ट के जज एस. मुरलीधर का रातों-रात तबादला कर दिया गया। उन्होंने इस घटना की तुलना हिट एंड रन केस से की है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी और शाह से सवाल करते हुए जवाब मांगा है।
क्या अब न्याय करने वालों को भी बख़्शा नहीं जाएगा?
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 27, 2020
न्यायपालिका के ख़िलाफ़ भाजपा की दबाव व बदले की राजनीति का हुआ पर्दाफाश।
मोदी सरकार न तो न्याय को दबा पाएगी,
न ही दोषी भाजपा नेताओं को बचा पाएगी।
सत्य की जीत होगी।
हमारा वक्तव्य: pic.twitter.com/UXWppq8Bv2
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सुरजेवाला ने पूछा-
1. क्या आपको यह डर था कि यदि आपकी पार्टी के नेताओं की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की जाएगी, तो दिल्ली की हिंसा, आतंक व अफरा-तफरी में आपकी खुद की मिलीभगत का पर्दाफाश हो जाएगा?
2. निष्पक्ष व प्रभावशाली न्याय सुनिश्चित किए जाने से रोकने के लिए आप कितने जजों का ट्रांसफर करेंगे?
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3. क्या आपके पास अपनी ही पार्टी के नेताओं द्वारा दिए गए विषैले बयानों को उचित ठहराने का कोई रास्ता नहीं था, इसलिए आपने उस जज का ही ट्रांसफर कर दिया, जिसने पुलिस को आपकी पार्टी के नेताओं की जांच करने का आदेश दिया था?
वहीं कांग्रेस की ओर से उठाए जा रहे सवालों का पर जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, कॉलेजियम ने 12 फरवरी को जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले की सिफारिश की थी। कानूनी प्रक्रिया के बाद तबादले का आदेश जारी हुआ। रविशंकर प्रसाद ने कहा, जज का ट्रांसफर करते वक्त जज की सहमति ली जाती है। तय प्रक्रिया का पालन किया गया है।
Transfer of Hon’ble Justice Muralidhar was done pursuant to the recommendation dated 12.02.2020 of the Supreme Court collegium headed by Chief Justice of India. While transferring the judge consent of the judge is taken. The well settled process have been followed.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 27, 2020
रविशंकर प्रसाद ने जस्टिस लोया को लेकर राहुल गांधी के ट्वीट पर कहा, जस्टिस लोया के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सुलझा लिया है। सवाल उठाने वाले लोग तर्कों के बाद कोर्ट के फैसले का सम्मान नहीं करते हैं। क्या राहुल गांधी खुद को सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर मानते हैं?
The Loya judgement has been well settled by the Supreme Court.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 27, 2020
Those raising questions do not respect the judgment of the Apex Court pronounced after elaborate arguments. Does Rahul Gandhi consider himself above even the Supreme Court?