पुलिस vs वकील: 11 घंटे बाद दिल्ली पुलिस का धरना खत्म, सभी मांगे मानी गईं
पुलिस vs वकील: 11 घंटे बाद दिल्ली पुलिस का धरना खत्म, सभी मांगे मानी गईं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर पुलिस और वकीलों के बीच हुई भिड़ंत के मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों का धरना खत्म हो गया है। पुलिसकर्मियों की सभी मांगे मान ली गई है। मंगलवार सुबह से ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में जवान जुटे थे और नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस के आला अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी पुलिस कर्मियों को हरसंभव मदद और उनकी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। उधर, आईएएस और आईपीएस एसोसिएशनों ने दिल्ली पुलिस का समर्थन किया है।
घायल पुलिसकर्मियों को 25000 रुपए का मुआवजा
दिल्ली के स्पेशल पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने कहा, तीस हजारी भिडंत में घायल हुए सभी पुलिसकर्मियों को कम से कम 25,000 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की ज्यादातर मांगे मान ली गई है। जॉइंट पुलिस कमिश्नर ने भी पुलिसकर्मियों से अपील करते हुए कहा कि आपकी मांगों पर विचार किया जा रहा है। महकमे को पता चल गया है कि आप लोगों की क्या समस्याएं हैं, उसका समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पुलिसवाले अनुशासन के लिए जाने जाते हैं, इसलिए आप सभी प्रदर्शन समाप्त कर दें, किसी स्टाफ पर कोई एक्शन नहीं होगा।
गृहमंत्री शाह को दी मामले की जानकारी
इस मामले को लेकर गृह सचिव अजय भल्ला गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं। उन्होंने पुलिस और वकीलों के बीच हुए हिंसक झड़प मामले की जानकारी अमित शाह को दी है। साथ ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर चल रहे प्रदर्शन से भी अवगत कराया है। दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने भी शांति की अपील की है। बैजल ने घायल पुलिसकर्मियों को उपयुक्त एक्स-ग्रेटिया देने की घोषणा की है। इसके अलावा बैजल ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को सलाह दी कि वरिष्ठ अधिकारियों को मनोबल बढ़ाने के लिए घायल पुलिसकर्मियों से मिलना चाहिए।
IAS एसोसिएशन ने की कड़ी निंदा
आईएएस एसोसिएशन ने ट्वीट कर कहा, "हम तीस हजारी कोर्ट में पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई कायरतापूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं। हम अपने सहयोगियों के संकट के समय में उनके साथ खड़े हैं।" तमिलनाडु भारतीय पुलिस सेवा (IPS) एसोसिएशन ने भी तीस हजारी कोर्ट में ड्यूटी पर पुलिसकर्मियों के साथ हुई मारपीट की घटना की निंदा की है।
TNIPSA का दोषियों पर कार्रवाई का आग्रह
तमिलनाडु आईपीएस एसोसिएशन ने अपने पत्र में लिखा, "तमिलनाडु चैप्टर ऑफ आईपीएस एसोसिएशन दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ हुई मारपीट की घटना की निंदा करती है। इस तरह की घटनाएं कानून के लिए सम्मान की कमी को दिखाती है। TNIPSA दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। हम संबंधितों से बिना किसी डर या पक्ष के कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।
बिहार पुलिस एसोसिएशन भी दिल्ली पुलिस के साथ
बिहार पुलिस एसोसिएशन भी दिल्ली पुलिस के समर्थन में आ गई है। इसे लेकर एसोसिएशन ने एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि "एसोसिएशन दिल्ली पुलिस के प्रत्येक कर्मियों के समर्थन में खड़ा है जिन्हें पीटा गया था। हम घटना की जांच की मांग करते हैं। पुलिस और वकील दोनों कानून जानते हैं, और किसी को भी कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए था।"
पुलिसकर्मियों के परिजनों ने किया हाईवे जाम
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर पुलिस और वकीलों के बीच हुई भिड़ंत के मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों के परिजनों ने दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम कर दिया। प्रदर्शन के चलते हाइवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। मौके पर मौजूद पुलिस के आला अधिकारियों की समझाइश के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना धरना खत्म किया।
दिल्ली हाईकोर्ट का बार काउंसिल को नोटिस
इस मामले में गृह मंत्रालय की ओर से दायर किए गए आवेदन पर दिल्ली हाई कोर्ट ने बार काउंसिल और दिल्ली बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने अपने आवेदन में वकीलों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने के लिए 3 नवंबर के आदेश को संशोधित करने की मांग की है।
हमें किरण बेदी की जरूरत : जवान
वकीलों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के विरोध प्रदर्शन पर जवानों ने दिल्ली की पूर्व विशेष पुलिस कमिश्नर किरण बेदी के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। उन्होंने नारा लगाया कि "हमारा कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो।" साथ ही उन्होंने किरण बेदी की तस्वीरें भी दर्शायीं। इन तस्वीरों में लिखा है "हमें आपकी जरूरत है।"
पुलिसकर्मियों की क्या है मांग?
पुलिसकर्मियों की मांग है कि दोषी वकीलों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। इसके अलावा पुलिसकर्मियों का निलंबन वापस लिया जाए। पुलिसकर्मी वेलफेयर एसोसिएशन बनाने की भी मांग कर रहे हैं। बता दें कि तीस हजारी कोर्ट के बाहर पुलिस और वकीलों के बीच हुई भिड़ंत के बाद कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था। इतना ही नहीं इसके बाद वकीलों के प्रदर्शन के दौरान कई पुलिसकर्मयिों के साथ एक बार फिर मारपीट हुई थी। इस मारपीट के वीडियो भी सामने आए थे।
क्या है मामला ?
दरअसल 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकील आपस में भिड़ गए। मसला सिर्फ इतना था कि एक वकील को पुलिस जवानों ने कोर्ट के एक लॉकअप में जाने से रोक दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ती ही चली गई और मामला यहां तक पहुंच गया कि पुलिस को फायरिंग तक करनी पड़ी। इसके जवाब में वकीलों ने भी पुलिस जीप सहित कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और जमकर तोड़फोड़ भी की।