Coronavirus: DRDO की दवा को DCGI ने दी इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी, पढ़ें कैसे दूर करेगी ऑक्सीजन की कमी
Coronavirus: DRDO की दवा को DCGI ने दी इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी, पढ़ें कैसे दूर करेगी ऑक्सीजन की कमी
- DRDO की नई दवा ऑक्सीजन की कमी को पूरा करेगी !
- कोरोना के मरीजों से 2.5 दिन पहले ठीक हुए इस दवा के मरीज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना मरीजों के लिए राहत की खबर आई हैं। DGCI (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) ने कोरोना के इलाज के लिए एक नई दवा को मंजूरी दी है। इसका नाम 2- deoxy D- glucose है। इस दवाई का निर्माण DRDO के इंस्टीट्यूट INAMS( न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलायड साइंसेस) एवं CCMB (हैदराबाद सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी) के द्वारा किया गया है। इसका उत्पादन डॉ रेड्डी लैब्स के द्वारा किया जा रहा है। इस दवा को फिलहाल इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दे दी गई है। भारत में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। 2- deoxy D- glucose लोगों के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आई है।
दवा का ट्रायल
इस दवा का ट्रायल रिजल्ट काफी बेहतर आया है। कोरोना के जिन मरीजों को यह दवा दी गई थी। उनका RT-PCR निगेटिव आया है। कोरोना वायरस की वजह से जहां हजारों लोगों की मौत हो रही हैं, वहीं INAMS द्वारा बनाई गई, इस दवा से हजारों लोगों की जान बच पाएगी। दवा के इस्तेमाल से लोगों को ऑक्सीजन की जरुरत कम पड़ेगी। कोरोना के उन मरीजों के मुकाबले जिन्हें यह दवा दी गई उनका रिकवरी रेट ज्यादा है।
पहली बार 2020 में इस दवा पर एक्सपेरिमेंट किया गया था। तब कोरोना ने पहली बार भारत में दस्तक दी थी। उस वक्त DRDO के वैज्ञानिकों ने इस दवा को लेकर काम करना शुरू कर दिया था। एक्सपेरिमेंट में यह बात पता चली थी कि इस दवा से कोरोना को पूरी तरह से तो नहीं खत्म नहीं किया जा सकता है पर बहुत हद तक राहत पाई जा सकती है। इसी के आधार पर DGCI ने मई 2020 में इसके दूसरे ट्रायल को मंजूरी दे दी थी।
ट्रायल्स में क्या मिला
मई 2020 से लेकर अक्टूबर तक इस दवा को अलग- अलग मरीजों को दिया गया। फेज-IIa के ट्रायल 6 और फेज-IIb के ट्रायल 11 अस्पतालों में किए गए।इस ट्रायल में कुल 110 मरीजों को रखा गया था। इस ट्रायल का रिजल्ट बाकी दवाईयों के मुकाबले बेहतर आया। जिन मरीजों को यह दवा दी गई थी, वह कोरोना के मरीजों से 2.5 दिन पहले ठीक हो गए। इसके अलावा उन मरीजों को ऑक्सीजन के लिए निर्भर नहीं होना पड़ा।
फेज 3 दिसबंर से लेकर मार्च 2021 तक चलाया गया। इस दौरान 27 अस्पतालों में कुल 220 मरीजों पर यह प्रयोग किया गया। यह ट्रायल देश के प्रमुख राज्यों दिल्ली, यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू में चलाया गया। इस ट्रायल से एक राहत की बात पता चली की 65 वर्ष से ऊपर के लोगों पर इस दवा ने बेहतर असर किया। जिन मरीजों को यह दवा दी गई उनमें से 42 फीसदी लोगों बिना ऑक्सीजन के सांस ले पाए।
यह दवा काम कैसे करेगी
यह दवा पाउडर के रुप में आती है और इसका सेवन लोग पानी के साथ कर सकते है। इस दवा को लेने के बाद मरीजों को ज्यादा दिनों तक अस्पतालों में रोकने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इस दवा का असर मरीजों के सेल पर पड़ता है। यह दवा सेल में मौजूदा वायरस को बढ़ने से रोकती है। वायरस के वायरल सिंथेसिस और एनर्जी प्रोडक्शन को रोकती है। DRDO की माने तो कोरोना वायरस के इस दौर में जहां हज़ारो की तादाद में मरीजों की मौत हो रही है। वहां ये दवा मरीजों को राहत पहुंचाएगी।