Coronavirus: देश में अब तक 6.81 लाख लोगों को लगी वैक्सीन, कोई सीरियस AEFI नहीं, 7 माह में पहली बार सबसे कम एक्टिव कैस
Coronavirus: देश में अब तक 6.81 लाख लोगों को लगी वैक्सीन, कोई सीरियस AEFI नहीं, 7 माह में पहली बार सबसे कम एक्टिव कैस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का आज चौथा दिन है। भारत ने 16 जनवरी को देश भर में टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद से 6.31 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, देश भर में कुल टीकाकृत स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या 6.31 लाख से अधिक है। गंभीर या गंभीर एईएफआई का कोई मामला अभी तक नहीं आया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, केवल 0.18 प्रतिशत लाभार्थियों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल चीजों का विकास हुआ, जबकि 0.002 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती हुए। प्रतिकूल घटनाएं काफी कम हैं। वास्तव में, ये दुनिया में पहले तीन दिनों में सबसे कम हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, दिल्ली में 81 टीकाकरण स्थल हैं, जहां मंगलवार को 4,936 लोगों का टीकाकरण किया और टीकाकरण के बाद कुल 16 प्रतिकूल घटनाएं हुईं।
इससे पहले मंगलवार शाम स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी कोरोना बुलेटिन में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया था कि 16 जनवरी से लेकर आज सुबह तक देश में 4,54,049 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वहीं 7 महीने बाद पहली बार देश में सक्रिय मामलों की संख्या 2 लाख से कम हुई है। वहीं प्रतिदिन मौतों की संख्या अब 140 है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में सिर्फ 2 राज्यों में 50,000 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। केरल में 68,000 और महाराष्ट्र में 51,000 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। वहीं कोरोना टीकाकरण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया की हम अमेरिका की तुलना में किसी भी स्तर पर कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में पहले हफ्ते में 5,56,208 लोगों का टीकाकरण किया गया और हम 3 दिन में यह नंबर पार कर लेंगे। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में पहले हफ्ते 1,37,897 लोगों का टीकाकरण किया गया, जबकि रूस में पहले हफ्ते 52,000 लोगों को टीका लगाया गया।
वहीं नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के अनुसार प्रतिकूल प्रभाव और गंभीर समस्याओं के बारे में चिंताएं करना अब उचित नहीं है, क्योंकि डाटा बताते हैं कि हम आरामदायक स्थिति में हैं। मंत्रालय ने कहा कि हम आपको आश्वस्त करना चाहेंगे कि देश में उपलब्ध दोनों टीके सुरक्षित हैं। पॉल ने कहा कि यदि आपको दिया गया टीका आप नहीं ले रहे हैं तो आप अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहे हैं। पूरी दुनिया में वैक्सीन की मांग हो रही है। उन्होंने कहा कि मैं डॉक्टरों और नर्सों से टीका स्वीकार करने की अपील करता हूं। पॉल ने कहा कि एक नाक से लेने वाले टीके की भी पहचान की जा रही है। इसके चरण 1 और चरण 2 परीक्षणों के लिए विचार किया जा रहा है। यदि यह काम करता है तो यह एक गेम-चेंजर हो सकता है। कोवैक्सीन के विवाद पर स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि अगर किसी भी तरह के गंभीर दुष्प्रभाव सामने आते हैं तो कंपनी इसके लिए पीड़ित को मुआवजा देगी।