दहेज उत्पीड़न मामले में कोर्ट का बड़ा आदेश, पति के अलावा अब दूर के रिश्तेदारों पर भी दर्ज हो सकता है केस

मुंबई दहेज उत्पीड़न मामले में कोर्ट का बड़ा आदेश, पति के अलावा अब दूर के रिश्तेदारों पर भी दर्ज हो सकता है केस

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-13 19:08 GMT
दहेज उत्पीड़न मामले में कोर्ट का बड़ा आदेश, पति के अलावा अब दूर के रिश्तेदारों पर भी दर्ज हो सकता है केस
हाईलाइट
  • कोर्ट ने महिला दवारा उसके पति व रिश्तेदारों पर लगाए आरोपों की अच्छी तरह से जांच करने का आदेश दिया

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  दहेज उत्पीड़न मामले में सुनवाई करते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश जारी किया है। अपने आदेश में हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा है कि दहेज के मामले अब पति के दूर के रिश्तेदारों पर भी केस दर्ज हो सकता है। कोर्ट ने आदेश जारी करने का कारण बताते हुए कहा कि, कई बार दूर रहने वाले रिश्तेदार भी लोगों के वैवाहिक जिंदगी में हस्तक्षेप करते हैं व पत्नी को प्रताड़ित भी करते हैं। इसी वजह से भारतीय दंड संहिता की धारा 498 के तहत इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है। कोर्ट ने धारा 498ए के मामले में एक व्यक्ति के रिश्तेदारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रिजेक्ट करने से मना करते हुए यह आदेश दिया।

बता दें कि दहेज उत्पीड़न मामले के अंतर्गत पति उसके मां-बाप और भाई-बहन ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रिजेक्ट करने की मांग करने वाली याचिका दायर की थी। जिस पर जस्टिस सुनील शुक्रे और गोविंद सनप की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिका पर पीड़ित पत्नी के वकील और राज्य सरकार द्वारा आपत्ति जताई गई थी।

इस आधार पर लगाई गई याचिका

बार एंड बेंच के मुताबिक, याचिका इस आधार पर लगाई गई थी कि आरोपी पति अकोला में अकेला रहता है और उसके परिवार के सदस्य जिनमें उसके मां-बाप और भाई बहन आते हैं वो कहीं और रहते हैं ऐसे में पीड़िता के द्वारा परिवार के सदस्यों पर लगाए गए आरोपों को किस तरह से जायज ठहराया जा सकता है। 

कोर्ट ने जताई असहमति

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा दिये इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया कि दूरदराज के रिश्तेदार दहेज उत्पीड़न के मामले में सम्मिलित नहीं हो सकते। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, दूर रहने वाले रिश्तेदार बेकसूर हों ये आवाश्यक नहीं। वो बात अलग है अगर वह अपनी बेगुनाही साबित कर दें। कोर्ट के अनुसार, पति-पत्नी के मामले में दूर रहने वाले रिश्तेदार भी बड़ी सरलता से हस्तक्षेप कर सकते हैं। कई दफा वह दहेज उत्पीड़न के मामलों में शामिल भी रहते हैं। 

इसके साथ ही कोर्ट ने महिला दवारा उसके पति व रिश्तेदारों पर लगाए आरोपों की अच्छी तरह से जांच करने का आदेश दिया। 
 

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