रिजल्ट के बाद बोली कांग्रेस, जनादेश विनम्रता से स्वीकार, जनता को भ्रमित नहीं किया जा सकता
रिजल्ट के बाद बोली कांग्रेस, जनादेश विनम्रता से स्वीकार, जनता को भ्रमित नहीं किया जा सकता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस के सीनियर प्रवक्ता आनंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधानसभा चुनाव में आए जनादेश को स्वीकारने की बात कही।
शर्मा ने कहा, "हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आए जनादेश को हम सम्मान और विनम्रता से स्वीकारते हैं। यह भाजपा की नैतिक पराजय है। मोदीजी, अमित शाह जी और समूचा नेतृत्व जमीनी हकीकत से अनजान था।"
आनंद शर्मा ने कहा, "भाजपा का पूरा प्रचार आम जनमानस से संबंध न रखने वाले मुद्दों पर आधारित था। भाजपा ने दुष्प्रचार किया। प्रशासन उनके कब्जे में था। उनके पास तमाम साधन और प्रचंड प्रचार तंत्र था। लेकिन, किसान संकट अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी इत्यादि असली मुद्दों पर मोदी और भाजपा मौन थे।"
उन्होंने कहा, "इन चुनावों में एग्जिट पोल धराशायी हो गए। अगर महाराष्ट्र की बात करें तो, वहां भाजपा के पास 52% वोट था और कांग्रेस के पास 32%। उस समय भाजपा-शिवसेना की 224 सीट पर बढ़त थी। जबकि आज आई लगभग 154 सीटें आई है। ये चार महीने का फर्क है।"
शर्मा ने कहा, "हरियाणा में लोकसभा चुनाव के समय भाजपा के पास 58.2% वोट थे और 89 सीट पर बढ़त थी। आज भाजपा बहुमत खो चुकी है। भाजपा की हार हुई है। खट्टर जी सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं।
इसलिए हरियाणा में हमारे नेता प्रतिपक्ष भूपन्द्र हुड्डा ने सभी गैर-भाजपा दलों से साथ आने की अपील की है, ताकि इस भाजपा विरोधी जनादेश का सम्मान हो सके और एक वैकल्पिक सरकार बने।"
उन्होंने कहा, "भाजपा ने भरपूर दुष्प्रचार किया, लेकिन ये महाराष्ट्र और हरियाणा के मतदाता की परिपक्वता, बुद्धिमत्ता और ईमानदारी है कि उन्होंने देश में प्रजातंत्र की आवश्यकता को समझते हुए संतुलन बनाने का काम किया है। यह अभी शुरुआत है।"
शर्मा ने कहा, "उनका अभियान जनता से संबंधित मुद्दों पर आधारित नहीं था, उन्होंने शासन का दुरुपयोग किया, प्रशासन उनके अधिकार में था, लोगों को प्रभावित करने के लिए उनके पास सभी साधन उपलब्ध थे। लेकिन मोदी और भाजपा असली मुद्दों जैसे किसान संकट, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी आदि पर चुप थे।"
आज एक जन-आंदोलन और जागरूकता अभियान की जरूरत है। ये नतीजे उसका संकेत हैं। आज देश के सामने गहरा संकट है। सरकार इस बारे में चिंता नहीं करती। इन नतीजों से स्पष्ट हो गया कि सरकार की मानसिकता और कार्यशैली जनता को भयभीत नहीं कर सकती।
मोदी जी और भाजपा अध्यक्ष जी के गृह राज्य गुजरात में भी उपचुनाव में भाजपा की हार हुई है। गुजरात में दलबदल करने वाले नेताओं को भी सबक सिखाया है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब में भी हमने उपचुनावों में जीत हासिल की है।
शर्मा ने कहा ये नतीजे संकेत है कि जनता को हर बार भ्रमित नहीं किया जा सकता, उसकी बुद्धिमत्ता पर सवाल खड़ा नहीं किया जा सकता। अब हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री प्रचार को छोड़कर देश की अर्थव्यवस्था, किसानों की समस्या, बेरोजगारी आदि पर कुछ काम करेंगे।