खतरे में गहलोत की कुर्सी ! 93 रैलियों के बाद भी बेटे को नहीं जितवा पाए
खतरे में गहलोत की कुर्सी ! 93 रैलियों के बाद भी बेटे को नहीं जितवा पाए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कुर्सी पर संकट मंडराने लगा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पुत्रमोह वाले बयान के बाद गहलोत के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। बेटे वैभव गहलोत को टिकट देने पर अब कई कांग्रेसी नेता सवाल खड़े कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ नेताओं ने कांग्रेस हाई कमांड से मांग की है कि राजस्थान चुनाव में हार के लिए जवाबदेही तय हो और कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई। ऐसी ही कुछ स्थिति पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रही है। यहां खुद सीएम कमलनाथ ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है।
राहुल गांधी नाराज
वहीं सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट दिल्ली में है। सोमवार को राहुल ने गहलोत को मिलने का वक्त नहीं दिया। कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत पर इस्तीफे का दबाव है। जिसके लिए वह तैयार नहीं है। अशोक गहलोत के पुत्र वैभव जोधपुर से चुनावी मैदान में उतरे और हार गए। गहलोत ने राजस्थान में 130 सभाएं की जिसमें 93 सिर्फ अपने बेटे के समर्थन में किए। इसी कारण राहुल, गहलोत से नाराज है।
बेटे को दिया महत्व
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने 25 मई को कार्यसमिति की बैठक में मप्र सीएम कमलनाथ और राजस्थान सीएम अशोक गहलोत को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने पार्टी से ज्यादा अपने बेटे को जिताने में लगे रहे। बता दें कि राजस्थन में लोकसभा की 25 सीटें हैं। भाजपा ने 24 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने एक सीट जीती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने राजस्थान में एक भी सीट नहीं जीती थी।
जवाबदेही तय करें राहुल
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, राहुल गांधी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। अगर राहुल गांधी को लगता है कि वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव में लापरवाही की है तो वह जवाबदेही तय कर कार्रवाई करें। इससे पहले राजस्थान सरकार के मंत्री भंवरलाल मेघवाल और सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना ने कहा कि पार्टी को हार का विस्तृत आकलन कर तत्काल जवाबदेही तय करनी चाहिए।