तीस हजारी कांड: 30 से ज्यादा वकील, पुलिसकर्मी जख्मी, जांच के लिए एसआईटी गठित, अदालतें सोमवार तक बंद
तीस हजारी कांड: 30 से ज्यादा वकील, पुलिसकर्मी जख्मी, जांच के लिए एसआईटी गठित, अदालतें सोमवार तक बंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली में स्थित तीस हजारी अदालत में शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच हुई खूनी लड़ाई में 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी और एक एडिशनल डीसीपी, दो एसएचओ के अलावा आठ वकील जख्मी हो गए। झगड़े के दौरान एक वकील को पुलिस द्वारा हवा में चलाई गई गोली भी लगी है। गुस्साए वकीलों ने जेल वैन और पुलिस जिप्सी सहित 20 से ज्यादा वाहन आग में झोंक दिए। मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त ने क्राइम ब्रांच की एक एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी का प्रमुख विशेष आयुक्त स्तर के पुलिस अधिकारी को बनाया है। शनिवार देर शाम दिल्ली पुलिस से गुस्साए वकीलों ने सोमवार तक दिल्ली की सभी अदालतों में कामकाज बंद रखने का ऐलान कर दिया है।
Delhi: A scuffle has broken out between Delhi Police and lawyers at Tis Hazari court. One lawyer injured and admitted to hospital. A vehicle has been set ablaze at the premises. More details awaited. pic.twitter.com/8wrvNXuLLT
— ANI (@ANI) November 2, 2019
देर रात दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने भी दिन भर के इस मामले पर अधिकृत बयान जारी कर दिया। बयान में झगड़े की जड़ अदालत के लॉकअप पर तैनात दिल्ली पुलिस की तीसरी वाहिनी के संतरी (हथियारबंद सिपाही) और वकील के बीच कार पार्किंग को लेकर हुई बहस को प्रमुख वजह बताया गया। दिनभर की लंबी चुप्पी के बाद देर रात उत्तरी दिल्ली जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस ने विपरीत हालातों में भी सब्र और समझ से काम लिया। हमें मौके पर मौजूद कैदियों, पुलिस और वकीलों को सुरक्षित बचाने की चिंता पहले थी। काफी हद तक हम अपने इस प्रयास में कामयाब भी रहे।
Additional DCP (north), Harender Singh on scuffle between Delhi police lawyers at Tis Hazari Court: The scuffle was only over parking, between jawans of 3rd Battalion and lawyers. Some other lawyers joined too, they wanted to enter inside the lockup. They wanted to take revenge pic.twitter.com/zIOBKcKnZy
— ANI (@ANI) November 2, 2019
गौरतलब है कि पुलिस और वकीलों के बीच झड़प में फायरिंग भी की गई। वहीं इस दौरान कवरेज के लिए पहुंचे कुछ पत्रकारों की भी पीटा गया। इस झड़प में एक वकील घायल हुआ है, जिसे सेंट स्टीफन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि विवाद पार्किंग को लेकर हंगामा हुआ है। इस हंगामे के दौरान पुलिस की कई गाड़ियों को फूंका गया है। पुलिस और वकीलों के बीच इस झगड़े के बाद परिसर में तनाव फैल गया है। बताया जा रहा है कि कुछ पुलिस अधिकारियों पर भी हमला किया गया। फायरिंग के बाद विवाद बढ़ गया। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि कैदियों की एक गाड़ी को भी आग के हवाले कर दिया है। आग बुझाने के लिए मौके पर दमकल की गाड़ियां पहुंची हैं। मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल को भेजा गया है। दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की जा रही है। वकीलों ने कोर्ट के गेट पर ताला लगा दिया है। कई गाड़ियों में तोड़भोड़ भी हुई है।
Delhi: Lawyers injured in the scuffle with Delhi police, at Tis Hazari Court, have been admitted to St Stephen"s Hospital. pic.twitter.com/HauUDGzEne
— ANI (@ANI) November 2, 2019
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता अनिल मित्तल ने बताया कि कुछ वकील लॉकअप के सामने कार खड़ी कर रहे थे। संतरी ने कहा कि यहां से कैदी और उनके वाहन आने-जाने में बाधा उत्पन्न होगी। इसी बात पर मौके पर कई और भी वकील इकट्ठे हो गए। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे वकील जबरदस्ती लॉकअप में ही घुस पड़े। समझाने के बाद भी वकील, पुलिसकर्मियों से हाथापाई और बदसलूकी करते रहे। वकीलों ने पुलिस वाहनों में आग लगा दी। हालात बेकाबू होते देख और लॉकअप में बंद विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा में पुलिस को हवा में गोली चलानी पड़ी।
पुलिस मुख्यालय से जारी बयान के मुताबिक, झगड़े में 20 पुलिसकर्मियों सहित एक एडिशनल डीसीपी और दो एसएचओ जख्मी हो गए। 8 वकीलों को चोटें आई हैं। 12 निजी मोटर साइकिलें, दिल्ली पुलिस की एक क्विक रिएक्शन टीम की जिप्सी, 8 जेल-वाहनों को क्षति पहुंचाई गई। इन सभी वाहनों में आग लगाई गई है। धुंए और आगजनी से लॉकअप में बंद कैदियों का दम घुटने लगा, तो उन्हें मानव श्रंखला बनाकर सुरक्षित तिहाड़ जेल भेजा गया। दोनों पक्षों की ओर से शिकायतें मिली है। जांच के लिए क्राइम ब्रांच की एसआईटी गठित कर दी गई है। एसआईटी प्रमुख विशेष आयुक्त (पुलिस) स्तर का अधिकारी होगा।