देश की हिफाजत का सर्वोच्च पद संभालने के बाद नए CDS जनरल अनिल चौहान के सामने होगी ये सबसे बड़ी चुनौती, क्या पुराना तजुर्बा आएगा काम?
नए सीडीएस की चुनौतियां देश की हिफाजत का सर्वोच्च पद संभालने के बाद नए CDS जनरल अनिल चौहान के सामने होगी ये सबसे बड़ी चुनौती, क्या पुराना तजुर्बा आएगा काम?
- सीडीएस का पद संभालने के बाद जनरल चौहान ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लगभग 9 महीने बाद लेफ्टिनेंट अनिल चौहान के रुप में देश को दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ मिल गया। उन्होंने आज अपना पदभार ग्रहण किया। इसके साथ ही अनिल चौहान अब भारतीय सेना के फॉर-स्टार जनरल होंगे। उनका पद तीनों सेनाओं यानि जल,थल और वायुसेना के प्रमुखों से ऊपर होगा। गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में हेलिकॉप्टर क्रैश में देश पहले सीडीएस बिपिन रावत का निधन हो गया था, जिसके बाद से ही यह पद खाली था।
अपना पद संभालने से पहले जनरल चौहान अपने पिता के साथ नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद सैनिकों को श्रृद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वह साउथ ब्लॉक पहुंचे जहां उन्हें तीनों सेनाओं की टुकड़ियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे।
— IANS (@ians_india) September 30, 2022
रक्षा मंत्री से की मुलाकात
सीडीएस का पद संभालने के बाद जनरल चौहान ने रक्षामंत्री राजनाथ से मुलाकात की। रक्षामंत्री से मिलने के बाद साफ हो गया कि अनिल चौहान अब लेफ्टिनेंट जनरल से फॉर-स्टार जनरल हो गए हैं। पिछले साल जब वो रिटायर हुए तो लेफ्टिनेंट जनरल यानि 3 स्टार के पद पर थे। लेकिन आज सीडीएस का पद संभालते ही वो 4 स्टार पद के अधिकारी बन गए। उनकी रैंक अब लेफ्टिनेंट जनरल की जगह जनरल की होगी। बता दें कि 4 स्टार जनरल का पद सेना का सबसे बड़ा एक्टिव पद होता है।
जनरल चौहान के सामने होंगी ये चुनौतियां
नए सीडीएस जनरल अनिल चौहान के सामने सबसे बड़ी जिम्मेदारी तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य बनाने के साथ सैन्य क्षमता में बढ़ोत्तरी की होगी। इसके साथ ही उनके ऊपर देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अधूरे कामों को पूरा करने की भी जिम्मेदारी होगी।
नए सीडीएस जनरल चौहान के सामने सबसे बड़ी चुनौती चीन की होगी। चीन के साथ भारत का सीमा विवाद लंबे समय से जारी है। हालांकि पूर्वी लद्दाख के पास एलएसी पर चीन से डिसइंगेजमेंट जरुर हो गया है लेकिन तनातनी अभी भी जारी है। जनरल चौहान के पास एलएसी पर कमांडर के रुप में रहने का लंबा अनुभव है, वह चीन की नस-नस से वाकिफ हैं। ऐसे में यह अनुभव अब उनके काफी काम आएगा। बता दें कि जनरल चौहान अपनी 40 साल की सेवा में अरुणाचल प्रदेश से सटी एलएसी पर काफी लंबे समय तक रह चुके हैं, जिस वजह से वह एलएसी को काफी करीब से देख चुके हैं। इसके अलावा डीजीएमओ के पद पर रहते हुए वह चीन और पाकिस्तान के खिलाफ हुए कई ऑपरेशन्स के प्रमुख भी रह चुके हैं। इस पद पर रहते हुए वह तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ चीन का दौरा भी कर चुके हैं। एक साल तक डीजीएमओ के पद पर रहने के बाद उन्हें सेना की पूर्वी कमान का कमांडर बनाया गया था। पूर्वी कमान का कमांडर रहते हुए वह सीमा पर चीन की हरकतों को अच्छी तरह से जानते हैं।
चीन के अलावा भी कई चुनौतियां
पूर्व सीडीएस के अधूरे काम को पूरा करना
पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत सेना के तीनों अंगों यानि थल, वायु और जल सेना के एकीकरण और थियेटर कमांड बनाने पर काम कर रहे थे। काम पूरा होता इससे पहले ही 8 दिसंबर 2021 में हेलिकॉप्टर क्रैश में उनका निधन हो गया ऐसे में थियेटर कमांड बनाने का काम रुक गया। नए सीडीएस का पद संभालने के बाद जनरल अनिल चौहान के ऊपर इस काम को पूरा करने की चुनौती होगी। इसके साथ ही जनरल रावत के सीडीएस रहते सेना के आधुनिकीकरण के लिए एक साइबर और स्पेस डिवीजन पर भी काम हो रहा था। अब यह डिवीजन तैयार तो हो चुका है लेकिन इसके संचालन सही तरीके से करना नए सीडीएस की जिम्मेदारी होगी।
सेनाओं का आधुनिकीकरण
आज के समय में विश्व के कई देश ड्रोन, एंटी ड्रोन और ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी तकनीकों का इस्तेमाल अपनी सैन्य क्षमताओं में वृद्धि करने के लिए कर रहे हैं। ये सभी तकनीक भी आजकल बहुत महत्वपूर्ण हो गईं हैं। जनरल चौहान के सामने देश की सेनाओं को पारंपरिक युद्ध शैली के साथ आधुनिक युद्ध शैली के लिए भी तैयार करना एक बड़ी जिम्मेदारी होगी।