Rajinikanth Press Meet: रजनीकांत बोले- बिजनेस की तरह चलाई जा रहीं पार्टियां, मैं लाना चाहता हूं बदलाव
Rajinikanth Press Meet: रजनीकांत बोले- बिजनेस की तरह चलाई जा रहीं पार्टियां, मैं लाना चाहता हूं बदलाव
- रजनीकांत ने कहा कि
- इस समय पार्टियों को बिजनेस की तरह चलाया जा रहा है
- रजनीकांत ने कहा
- मैं सीएम नहीं बनना चाहता
- लोगों के लिए काम करना चाहता हूं
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। बॉलीवुड सुपरस्टार रजनीकांत ने नई पार्टी का ऐलान करने से पहले राजनीति को लेकर अपना प्लान बताया है। उन्होंने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "वर्तमान समय में राजनीतिक पार्टियां बिजनेस की तरह चलाई जा रही हैं, लोगों तक फंड नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन मैं बदलाव लाना चाहता हूं।" रजनीकांत ने यह भी साफ कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा, मैं विधानसभा में बैठने की सोच भी नहीं सकता और कभी सीएम पद के बारे में भी नहीं सोचा।
Rajinikanth in Chennai: If change in politics and government does not happen now, it will never happen. pic.twitter.com/laqTg0wTbO
— ANI (@ANI) March 12, 2020
उन्होंने कहा, डीएमके, एआईडीएमके में युवाओं के लिए जगह नहीं है, ज्यादातर कार्यकर्ता 50 से ज्यादा उम्र के हैं, लेकिन अब सिस्टम को ठीक करने की जरूरत है। थलैवा के नाम से फेमस रजनीकांत के प्लान के मुताबिक, उनकी नई पार्टी में दो भाग होंगे। एक सेक्शन पार्टी और दूसरा सरकार के कामकाज को देखेगा। पार्टी सरकार पर हावी नहीं होगी। वह पढ़े-लिखे और अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले लोगों को अपनी पार्टी में मौका देंगे। रजनीकांत ने बताया, यह भी तय किया गया है कि, पार्टी का नेता सरकार में शामिल नहीं होगा और जो मुख्यमंत्री का पद संभालेगा वह पार्टी का मुखिया नहीं होगा। मैं पार्टी का नेता रहूंगा और कोई दूसरा शख्स सीएम का उम्मीदवार होगा।
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Rajinikanth in Chennai: There were two stalwarts in our politics, one was Jayalalithaa and one was Kalaignar. People voted for them but now there is a vacuum. Now, we need to create a new movement to bring change. pic.twitter.com/7cJOhQgZMY
— ANI (@ANI) March 12, 2020
फिल्मों से राजनीति में आए दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत ने कहा, साल 1996 में जब मैं 45 साल का था, तब मैने मुख्यमंत्री पद के लिए इनकार कर दिया था। पार्टी नेतृत्व और सरकार के प्रमुखों के अलग होने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, पार्टी नेतृत्व और सरकार के प्रमुख अलग-अलग होने चाहिए।
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रजनीकांत ने कहा, उनकी पार्टी 2021 के चुनावों में मजबूत बुनियादी ढांचे और पैसे की ताकत वाली दो बड़ी शक्तियों का सामना करने जा रही है। डीएमके और इसके अध्यक्ष एमके. स्टालिन का नाम लिए बिना रजनीकांत ने कहा, एक ओर ऐसी पार्टी है, जो 10 साल से सत्ता से बाहर है और वापसी चाहती है। वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल एआईएडीएमके है, जिसके पास मजबूत दलगत ढांचा है और चुनाव लड़ने के लिए कुबेर जैसा धन का खजाना है।
"राजनीति और शासन में बदलाव जरूरी"
रजनीकांत ने एआईएडीएमके की दिवंगत प्रमुख नेता जयललिता और द्रमुक के दिवंगत प्रमुख करुणानिधि की तरफ इशारा करते हुए कहा, इनके जाने के बाद दोनों ही दलों के नेतृत्व में रिक्तता आ गई है, जिसे अब भरने की जरूरत है।रजनीकांत ने कहा, मैं अब 71 वर्ष का हो चुका हूं। अगर यह मौका चूका तो 2026 तक मैं 76 का हो जाऊंगा, इसलिए इस नीति के पक्ष में लोगों का आंदोलन होने देना चाहिए। राजनीति और शासन में बदलाव होना चाहिए। अगर यह अभी नहीं होगा, तो फिर कभी नहीं होगा।