चंद्रयान-2 पहुंचा चांद के और करीब , 7 सितंबर को केरेगा लैंडिंग

चंद्रयान-2 पहुंचा चांद के और करीब , 7 सितंबर को केरेगा लैंडिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-30 19:02 GMT
चंद्रयान-2 पहुंचा चांद के और करीब , 7 सितंबर को केरेगा लैंडिंग
हाईलाइट
  • 1 सितंबर को चंद्रयान-2 का ऑर्बिट एक बार फिर बदला जाएगा
  • चंद्रयान-2 अब चांद के और करीब पहुंच गया है
  • शुक्रवार को ISRO ने चंद्रयान-2 का सफलतापूर्वक ऑर्बिट बदला

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। चंद्रयान-2 अब चांद के और करीब पहुंच गया है। शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान का सफलतापूर्वक ऑर्बिट बदला। ये अब चंद्रमा के 126x164 किमी के ऑर्बिट में पहुंच गया है। अगले 2 दिनों तक चंद्रयान-2 इसी ऑर्बिट में चांद के चक्कर लगाएगा। इसके बाद 1 सितंबर को शाम 6 से 7 बजे के बीच चंद्रयान-2 का ऑर्बिट एक बार फिर बदला जाएगा।

 

 

बता दें कि चंद्रयान-2 20 अगस्त को चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंचा था। इसरो वैज्ञानिकों ने सुबह 8.30 से 9.30 बजे के बीच चंद्रयान-2 को चांद के ऑर्बिट LBN#1 में प्रवेश कराया था। इस ऑर्बिट में चंद्रयान-2, 118 किमी की एपोजी (चांद से कम दूरी) और 18078 किमी की पेरीजी (चांद से ज्यादा दूरी) वाले अंडाकार ऑर्बिट में था। इस दौरान चंद्रयान की गति को 10.98 किमी प्रति सेकंड से घटाकर करीब 1.98 किमी प्रति सेकंड किया गया।

अगले 24 घंटे तक चक्कर लगाने के बाद 21 अगस्त को, चंद्रयान-2 ने अपने ऑर्बिट को कम किया और LBN#2 (121 x 4303) किलोमीटर के अण्डाकार ऑर्बिट में पहुंच गया। अंतरिक्ष यान ने अपने आप को चंद्रमा के और करीब लाने के लिए 28 अगस्त की सुबह ऑर्बिट बदला था और वह LBN#3 (178x141) किमी के ऑर्बिट में पहुंच गया था। 30 अगस्त की शाम 6:18 मिनट पर चांद के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद चंद्रयान का चौथी बार ऑर्बिट बदला गया। वह अभी 126x164 किमी के ऑर्बिट में चंद्रमा के चक्कर काट रहा है।

चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर विक्रम 2 सितंबर को  अंतरिक्ष यान से अलग हो जाएगा और खुद की एक लूनर ऑर्बिट में पहुंच जाएगा। इसके बाद 7 सितंबर की सुबह, विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा। अगर भारत विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफल हो जाता है तो वह दुनिया का एकमात्र देश बन जाएगा जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर "सॉफ्ट लैंडिंग" कराई हो।

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