सुप्रीम कोर्ट से लगा केंद्र सरकार और भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को झटका, 7400 करोड़ का मुआवजा देने वाली याचिका को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट से झटका सुप्रीम कोर्ट से लगा केंद्र सरकार और भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को झटका, 7400 करोड़ का मुआवजा देने वाली याचिका को किया खारिज
- कंपनी नहीं देगी एक भी पैसा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी कि मंगलवार को भोपाल गैस त्रासदी मामले में एक अहम फैसला सुनाया है। जिसके बाद पीड़ितों और केंद्र सरकार को झटका लगा है। दरअसल, अदालत ने 7400 करोड़ का मुआवजा देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि, 2 दिसंबर 1984 को मप्र की राजधानी भोपाल में भयानक गैस त्रासदी हुई थी। जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इसी मामले को लेकर केंद्र सरकार ने तमाम पीड़ितों को कंपनी से मुआवजे देने की मांग की थी।
केंद्र सरकार ने साल 2010 में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी। सरकार चाहती थी कि यूनियन कार्बाइड कंपनी गैस त्रासदी में शिकार हुए लोगों के परिजनों को मुआवजा दे। जिसके लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 7400 करोड़ रूपये कंपनी से दिलाने की मांग की थी।
कंपनी नहीं देगी एक भी पैसा
हालांकि, तमाम दलीलें और सुनवाई के बाद कोर्ट ने साफ कर दिया है कि पीड़ितों को किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं मिलने वाला है।इससे पहले इसी मामले पर शीर्ष अदालत ने 12 जनवरी को सभी पक्षों की दलीलें सुनते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं बात करें गैस त्रासदी की जिम्मेदार कंपनी की तो, उसने पहले ही साफ कर दिया था कि, वह गैस त्रासदी पीड़ितों को 470 मिलियन अमेरिकी डॉलर का मुआवजा दे चुकी है और अब वह एक भी पैसा नहीं देगी।
त्रासदी से मचा था मौत का तांडव
वर्ष 1984 में दो दिसंबर की रात को भोपाल में मौत का तांडव हुआ था। आज भी इसे याद करके लोगों की रूह कांप जाती है। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में रात के समय में जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इस जहरीली गैस से लोगों का दम घुटा और हजारों लोग बेमौत मारे गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गैस रिसाव की वजह से 16 हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
आज भी इस गैस रिसाव के छाप मिलते हैं। बता दें कि इस घटना के दौरान जिन बच्चों ने भोपाल में जन्म लिया वो किसी भी न किसी रूप से अस्वस्थ्य पैदा हुए। उस समय बच्चों में ज्यादा विकलांग और अन्य बीमारी के साथ बच्चे पैदा हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा कम ही देखा गया था कि, कोई बच्चा पूरी तरह से स्वास्थ्य पैदा हुआ हो।