कोयला तस्करी मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश बरकरार रखा, सीआईडी जांच से इनकार
पश्चिम बंगाल कोयला तस्करी मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश बरकरार रखा, सीआईडी जांच से इनकार
- समानांतर जांच का कोई औचित्य नहीं
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कोयला तस्करी में कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को इसी अदालत की एकल न्यायाधीश पीठ के एक पुराने आदेश को बरकरार रखा, जिसमें सीआईडी द्वारा समानांतर जांच की जरूरत को खारिज कर दिया गया था।
खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश को भी बरकरार रखा है कि अगर सीआईडी को कोयला तस्करी घोटाले में कोई सुराग मिलता है तो वह इसे सीबीआई को सौंप देगी, जो मामले की जांच कर रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 27 सितंबर को कहा था कि जब सीबीआई पहले से ही कोयला तस्करी मामले की जांच कर रही थी, तब इस मामले में सीआईडी-पश्चिम बंगाल द्वारा समानांतर जांच अनावश्यक है।
न्यायमूर्ति मंथा ने यह फैसला आसनसोल के भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी द्वारा मामले में सीआईडी के समन को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया। अपनी याचिका में उन्होंने कोयला तस्करी घोटाले में समानांतर सीआईडी जांच के औचित्य पर उसी बिंदु को उठाया, जब सीबीआई पहले से ही मामले की जांच कर रही थी। न्यायमूर्ति मंथा ने इस संबंध में सीआईडी को तिवारी को समन भेजने से भी रोक दिया और कहा कि याचिकाकर्ता को राज्य की एजेंसी द्वारा मामले में गवाह के रूप में नहीं बुलाया जा सकता।
तिवारी 2016 से 2021 तक पश्चिम मिदनापुर जिले के पांडवेश्वर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक थे और आसनसोल नगर निगम के मेयर भी हैं। हालांकि, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले, उन्होंने राज्य की सत्ताधारी पार्टी को छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे। राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति मंथा के आदेश को कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति जोमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा रे की खंडपीठ में चुनौती दी। हालांकि, खंडपीठ ने भी मंगलवार को इस मामले में एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश की पुष्टि की।
खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश पीठ की इस टिप्पणी पर भी सहमति जताई कि एक ही मामले में सीआईडी-पश्चिम बंगाल द्वारा समानांतर जांच का कोई औचित्य नहीं है। खंडपीठ ने त्यौहार की छुट्टियों के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट में कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद सीबीआई को अपनी ओर से एक हलफनामा दाखिल करने के लिए भी कहा। तिवारी ने आईएएनएस से कहा कि राज्य सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के उद्देश्य से मामले को अनावश्यक रूप से घसीटा गया। उन्होंने कहा, ऐसे मामलों को बेवजह घसीटने में इतना खर्च करने के बजाय राज्य सरकार को उस पैसे को राज्य के विकास पर खर्च करना चाहिए।
आईएएनएस
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