कैबिनेट मंत्री बनते ही सिंधिया को मिला जज का आदेश,  बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिए एयरपोर्ट के नाम रखने की नीति बनाने के निर्देश

कैबिनेट मंत्री बनते ही सिंधिया को मिला जज का आदेश,  बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिए एयरपोर्ट के नाम रखने की नीति बनाने के निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-10 09:56 GMT
कैबिनेट मंत्री बनते ही सिंधिया को मिला जज का आदेश,  बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिए एयरपोर्ट के नाम रखने की नीति बनाने के निर्देश
हाईलाइट
  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिंधिया को दिए निर्देश
  • मंत्री बनते ही मिला बड़ा आदेश

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को टॉस्क दिया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिंधिया को कहा कि देश भर में हवाई अड्डों के नामकरण के लिए एक समान नीति तैयार करें, नए नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस कार्य को  प्राथमिकता देनी की बात कही है।
दरअसल चीफ जस्टिस जी एस कुलकर्णी और दीपांकर दत्ता की बेंच वरिष्ठ वकील फिल्जी फ्रेडरिक द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी,  याचिका में केंद्र को हवाई अड्डों के नामकरण और नाम बदलने के लिए एक समान नीति तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि, हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया गया है। ऐसे में नए मंत्री सबसे पहले इस कार्य को प्राथमिकता दें। 
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वह नवी मुंबई में 24 जून को हुए प्रोटेस्ट को नजर अंदाज नहीं कर सकते। उस दिन तकरीबन 25 हजार लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए नए बनने जा रहे एयरपोर्ट का नाम दिवंगत किसान नेता डी बी पाटिल के नाम पर रखने की मांग की थी। इसमें किसान और मछली व्यवसाय से जुड़े लोग शामिल थे।
बता दें, यह प्रोटेस्ट महाराष्ट्र सरकार और राज्य द्वारा संचालित नगर नियोजन एजेंसी द्वारा एयरपोर्ट का नाम शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के नाम पर रखने की घोषणा के बाद हुआ था।
इसके पहले कोर्ट ने कहा कि साल 2016 में नाम बदलने को लेकर राज्यसभा में एक मसौदा तैयार किया गया था, जिसमें शहरों के नाम पर हवाई अड्डों का नाम रखने का प्रस्ताव था, न कि व्यक्तियों के नाम पर। अदालत ने केंद्र सरकार के वकील जनरल अनिल सिंह से कहा, "हम नाम बदलने के मसौदे की वर्तमान स्थिति जानना चाहेंगे?"
अदालत ने आगे कहा, ‘‘यदि कोई नई नीति अभी भी ड्राफ्ट स्तर पर है, तो इसे तत्काल पूरा करें। कोर्ट ने कहा, आप के पास अभी नए-नए बने मंत्री हैं। नए विमानन मंत्रालय को यह काम करने दीजिए। ’’
 

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