जनमत संग्रह के बयान से पलटी ममता, वित्त मंत्री सीतारमण ने साधा निशाना
जनमत संग्रह के बयान से पलटी ममता, वित्त मंत्री सीतारमण ने साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन एक्ट पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने वाले बयान से यू टर्न ले लिया है। ममता बनर्जी ने कहा, "मैनें केवल ओपिनियन पोल की बात की थी। मैंने कहा था कि मानवाधिकार आयोग और यूएन पारदर्शी संस्थाएं हैं। जो कुछ भी हो रहा है उस पर मानवाधिकार आयोग को निश्चित तौर पर संज्ञान लेना चाहिए। मैंने कहा कि यूएन को इसकी निगरानी करनी चाहिए। यही बात मैंने मानवाधिकार आयोग के बारे में कही थी।"
ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि "अगर CAB इतना अच्छा है तो प्रधानमंत्री जी आपने वोट क्यों नहीं डाला? आप दो दिन पार्लियामेंट में थे, लेकिन जब आपने वोट नहीं डाला तो मुझे अंदाजा है कि आप भी इसे सपोर्ट नहीं करते। आप इसे रिजेक्ट कर दीजिए।"
उधर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ममता बनर्जी के बयान पर निशाना साधा। सीतारमण ने कहा, "मैं उनके बयान की पूरी तरह से निंदा करती हूं। इस तरह की बात करना मुख्यमंत्री के लिए गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा, "हम कभी भी अपने आंतरिक मामलों में तीसरे पक्ष या अंतर्राष्ट्रीय मंचों की दखलंदाजी नहीं चाहते। यह एक घरेलू मामला है। ममता ने संयुक्त राष्ट्र को चुना। क्या उन्हें भारत की संस्थानों पर विश्वास नहीं है?"
बता दें कि गुरुवार को ममता बनर्जी ने कोलकाता में टीएमसी के युवाओं और छात्रसंघ सदस्यों की एक रैली को संबोधित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में एक जनमत संग्रह की मांग की थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि लोग सीएए चाहते थे या नहीं। ममता के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उनपर जमकर निशाना साधा। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी ट्वीट कर ममता से अपने बयान को वापस लेने का आग्रह किया।
धनखड़ ने अपने ट्वीट में लिखा, "मैं सीएम ममता बनर्जी से अपील करता हूं कि कृपया अपने बयान को वापस लें। संयुक्त राष्ट्र या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग निष्पक्ष संगठन है और ममता बनर्जी को चाहिए कि वे यह कहें कि कितने लोग इसके पक्ष में हैं और कितने विपक्ष में हैं यह जनमत हो। हमें कभी भी अपने राष्ट्रवाद से समझौता नहीं करना चाहिए।"
#WATCH FM Nirmala Sitharaman on West Bengal CM"s remark on #CitizenshipAct: We never wanted a 3rd party or international fora"s interference in our affairs. On a completely domestic matter she has chosen to ask for UN. Does she have no faith in institutions of India? pic.twitter.com/H89seXIm7X
— ANI (@ANI) December 20, 2019