मोदी कैबिनेट के फैसले- 75 नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी, कोयला खनन में 100 प्रतिशत FDI
मोदी कैबिनेट के फैसले- 75 नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी, कोयला खनन में 100 प्रतिशत FDI
- कोयला खनन में 100 प्रतिशत FDI
- कैबिनेट की बैठक में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई
- गन्ना किसानों को 6268 करोड़ रुपये की सब्सिडी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। अनारक्षित जिलों में खोले जाने वाले नए मेडिकल कॉलेज 24,375 करोड़ रुपये के खर्च से बनाए जाएंगे और इसमें 15,700 और एमबीबीएस सीटें शामिल होंगी। सरकार ने इसे चिकित्सा शिक्षा का सबसे बड़ा विस्तार बताया है।
इसके अलावा, सरकार ने अक्टूबर से शुरू होने वाले 2019-20 के मार्केटिंग ईयर के दौरान 60 लाख टन चीनी के एक्सपोर्ट के लिए 6,268 करोड़ रुपये की सब्सिडी की घोषणा की। सरकार के इस कदम से मीलें सरप्लस डोमेस्टिक स्टॉक को खत्म कर सकेगी और किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान करने में भी उन्हें मदद मिलेगी।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "हमने गन्ना किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कैबिनेट ने 2019-20 के लिए 60 लाख टन के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी को मंजूरी दी है।" उन्होंने कहा कि 2019-20 के मार्केटिंग ईयर (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी मिलों को 10,448 रुपये प्रति टन एक्सपोर्ट सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। यानी 60 लाख टन चीनी के एक्सपोर्ट के लिए 6,268 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलेगी।"
उन्होंने कहा कि इससे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के साथ-साथ अन्य राज्यों के लाखों किसानों को फायदा होगा। खास बात ये है कि ये सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में जाएगी। सरकार मौजूदा 2018-19 विपणन वर्ष के लिए 50 लाख टन चीनी के एक्सपोर्ट के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है।
जावड़ेकर के बाद केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ऑटोमेटिक रूट के तहत केंद्र सरकार ने कोयला खनन और उससे जुड़े व्यवसायों में 100 फीसदी विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी दी है। गोयल ने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में 100 प्रतिशत और डिजिटल मीडिया में 26 फीसदी FDI की अनुमति देने के कैबिनेट के फैसले की घोषणा की।
पीयूष गोयल ने कहा कि 2014 से 19 तक 286 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड एफडीआई आया है। जबकि इससे पिछले के 5 सालों में 189 बिलियन डॉलर FDI आया था। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में विदेशी निवेश में गिरावट देखने को मिली है, लेकिन भारत पर इसका असर ज्यादा नहीं हुआ है।