महाराष्ट्र: 70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले में 9 केस बंद, एक में भी नहीं अजित पवार का नाम
महाराष्ट्र: 70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले में 9 केस बंद, एक में भी नहीं अजित पवार का नाम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डिप्टी सीएम अजित पवार को 70 सिंचाई घोटाले में राहत मिलने की खबरों को महाराष्ट्र ऐंटी करप्शन ब्यूरो ने अफवाह बताया है। ACB का कहना है कि आज (सोमवार) जो 9 मामले बंद किए गए हैं, वे सबूत के अभाव में सशर्त बंद किए गए हैं। एसीबी ने कहा कि अजित पवार के खिलाफ आज कोई मामला बंद नहीं किया गया है। अगर इन मामलों में ज्यादा जानकारी सामने आती है या अदालतें आगे की जांच का आदेश देती हैं तो जांच दोबारा शुरू हो सकती है।
Maharashtra Anti Corruption Bureau (ACB) DG, Parambir Singh to ANI: We are investigating around 3000 tenders in irrigation related complaints. These are routine inquiries which are closed and all ongoing investigations are continuing as they were earlier.
— ANI (@ANI) November 25, 2019
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) सूत्रों के अनुसार सिंचाई घोटाले से संबंधित 3000 टेंडर जांच के घेरे में हैं। इनमें से 9 मामलों को सबूतों के अभाव में बंद कर दिया गया है। अभी तक जिन टेंडरों की जांच की गई है, उनमें एसीबी को अजित पवार के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है।
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के डीजी परमबीर सिंह ने बताया कि हम सिंचाई संबंधी शिकायतों में लगभग 3000 निविदाओं की जांच कर रहे हैं। यह जांच की नियमित प्रक्रिया हैं, जिसमें हम 9 मामले बंद कर रहे हैं और इसके अलावा चल रही अन्य जांच जारी रहेंगी जैसा कि वे पहले थीं।
सिंह ने बताया कि आज (सोमवार) जो भी मामले बंद किए गए हैं। उनमें से कोई भी मामला महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से संबंधित नहीं है।
Maharashtra Anti Corruption Bureau (ACB) DG, Parambir Singh to ANI: None of the cases that were closed today are related to Maharashtra Deputy Chief Minister, Ajit Pawar. pic.twitter.com/bX4KMy83Ej
— ANI (@ANI) November 25, 2019
70 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगे हैं
बता दें कि साल 2009 से लेकर 2014 तक अजित पवार कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रहे थे। इसी दौरान अजित पवार पर 70 हजार करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले का आरोप लगा था। इस घोटाले की जांच एसीबी कर रहा है। अब जब अजित पवार ने एनसीपी में बगावत कर बीजेपी के साथ सरकार बना ली तो विरोधी दलों का दावा है कि अजित पवार ने भ्रष्टाचार केस की जांच से बचने के लिए यह कदम उठाया है।
सुरजेवाला ने कहा प्रजातंत्र का चीरहरण
वहीं, अजित पवार को क्लीन चीट मिलते ही कांग्रेस को मोदी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा-अजित पवार द्वारा महाराष्ट्र के प्रजातंत्र चीरहरण अध्याय की असलियत उजागर। एक नाजायज सरकार द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो को सब मुकदमे बंद करने का आदेश। खाएंगे और खिलाएंगे भी, क्योंकि ये ईमानदारी के लिए ‘जीरो टॉलरन्स’ वाली सरकार है। मोदी है तो मुमकिन है।
भाजपा-अजित पवार द्वारा महाराष्ट्र के ‘प्रजातंत्र चीरहरण अध्याय’ की असलियत उजागर।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 25, 2019
एक नाजायज़ सरकार द्वारा एंटी करप्शन ब्युरो को सब मुक़दमे बंद करने का आदेश।
खाएँगे और खिलाएँगे भी,
क्योंकि ये ईमानदारी के लिए ‘ज़ीरो टॉलरन्स’ वाली सरकार है।
मोदी है तो मुमकिन है। pic.twitter.com/T5vHtXysKO
इन मामलों की जांच हुई बंद
• गोडेगांव लघु सिंचाई योजना, मानोरा, वाशिम
• पाचपहूर लघु सिंचाई योजना, झरीजामणी, यवतमाल
• सपन नदी परियोजना, अचलपुर, अमरावती
• पंढरी नदी परियोजना, बरुड, अमरावती
• खडकपूर्णा परियोजना, देऊलगांव, बुलढाणा
• कोहन लघु परियोजना, नेर, यवतमाल
• वेवला परियोजना, बाभुलगांव, यवतमाल (मुख्य नहर 1 से 113)
• वेवला परियोजनास बाभुलगांव, यवतमाल (मुख्य नगर 82 से 84)
• वेवला परियोजना, बाभुलगांव, यवतमाल (डेहणी, उपसा सिंचाई फेज-2)