पंजाब, दिल्ली के 10 में से 9 बच्चों में स्वस्थ हृदय जीवनशैली की कमी
शोध पंजाब, दिल्ली के 10 में से 9 बच्चों में स्वस्थ हृदय जीवनशैली की कमी
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- दिल्ली के 10 में से 9 बच्चों में स्वस्थ हृदय जीवनशैली की कमी : शोध
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। अपनी तरह के पहले अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि पंजाब और दिल्ली के 10 में से नौ बच्चों में स्वस्थ हृदय जीवनशैली गायब पाई गई है।
कार्डियोलॉजिस्ट रजनीश कपूर द्वारा किए गए अध्ययन में कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले मापदंडों पर प्रश्नावली-आधारित मूल्यांकन के माध्यम से 5-18 वर्ष के आयु वर्ग के 3,200 बच्चों की जांच की गई।
कपूर ने यहां मीडिया को बताया कि प्रत्येक प्रतिभागी को बॉडी मास इंडेक्स, शारीरिक गतिविधि, सोने के समय, सोने के समय, आहार संबंधी आदतों और निकोटीन के संपर्क में उनकी प्रतिक्रियाओं के आधार पर कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य स्कोर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि अधिकतम प्राप्य स्कोर 100 पर निर्धारित किया गया था और इसके सापेक्ष उनके स्कोर के आधार पर जीवनशैली में बदलाव पर सलाह के लिए विषयों की रूपरेखा तैयार की गई थी।
उन्होंने कहा, 40 से कम स्कोर को संबंधित के रूप में वर्गीकृत किया गया था, इसमें बच्चों को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए तीव्र जीवनशैली में संशोधन की जरूरत थी। 70 और 100 के बीच का स्कोर स्वस्थ था, जबकि 40 से 70 के बीच स्कोर करने वाले बच्चों को मध्यम जीवनशैली की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि अध्ययन करने वाली आबादी के 24 प्रतिशत का हृदय स्वास्थ्य स्कोर 40 से कम था, 68 प्रतिशत 40-70 स्कोर श्रेणी में था, और सिर्फ आठ प्रतिशत की जीवनशैली स्वस्थ हृदय प्रणाली के लिए आवश्यक सभी मानदंडों को पूरा करती थी।
कपूर ने माता-पिता से हस्तक्षेप करने और अपने बच्चों में जीवनशैली में संशोधन की सुविधा देने का आग्रह किया, जो वयस्क होने पर हृदय रोग के जोखिम को संभावित रूप से टाल सकता है।
उन्होंने चेतावनी दी कि वयस्कता में हृदय रोग के विकास के जोखिम में बच्चों की जीवनशैली की एक निश्चित भूमिका होती है।
उन्होंने कहा कि खराब आहार की आदतों के बाद कम या कोई शारीरिक गतिविधि अध्ययन आबादी में कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाले शीर्ष कारक नहीं पाए गए।
उन्होंने कहा, जल्दी या देर से सोने से शरीर की घड़ी बाधित होने की संभावना अधिक हो सकती है, जिससे हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
शोध रिपोर्ट 27 अगस्त से शुरू होने वाले दो दिवसीय इनोवेशन इन इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी समिट 2022 में प्रस्तुत की जाएगी।
आईएएनएस
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