केन्द्र के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार की चेतावनी, कोरोना की तीसरी लहर जरूर आएगी, इसे टाला नहीं जा सकता

केन्द्र के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार की चेतावनी, कोरोना की तीसरी लहर जरूर आएगी, इसे टाला नहीं जा सकता

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-05 13:49 GMT
केन्द्र के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार की चेतावनी, कोरोना की तीसरी लहर जरूर आएगी, इसे टाला नहीं जा सकता
हाईलाइट
  • अभी ये कहना मुश्किल है कि ये कब आएगी और कैसे प्रभावित करेगी
  • केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की चेतावनी- कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी
  • देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कहर बरपा रही है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन ने देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की चेतावनी दी है। राघवन ने कहा, संक्रमण के काफी मामले आ रहे हैं। ऐसे में तीसरी लहर जरूर आएगी। इसे टाला नहीं जा सकता है। हालांकि अभी ये कहना मुश्किल है कि ये कब आएगी और कैसे प्रभावित करेगी। लेकिन इसके लिए हमें तैयार रहना होगा। 

राघवन ने कहा कि प्रीवियस इंफेक्शन और वैक्सीन से वायरस बचने के लिए खुद में नए बदलाव लाने की कोशिश करेगा। इसके लिए हमे पहले से तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन मौजूदा वेरिएंट के खिलाफ कामयाब है। हालांकि वायसर में लगातार आ रहे बदलाव का मुकाबला करने के लिए वैक्सीन को अपडेट करने की आवश्यकता पड़ेगी।

भारत सहित दुनियाभर के वैज्ञानिक अलग-अलग किस्‍म के वैरिएंट का मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं। विजय राघवन ने ये भी कहा की वायरस के वेरिएंट ओरिजनल स्ट्रेन की तरह ही ट्रांसमिट होते हैं। इसमें नए प्रकार के ट्रांसमिशन की प्रॉपर्टी नहीं होती है।

 

 

बता दें कि देश में पहली लहर पिछले साल आई थी। साढ़े तीन महीने तक मामले बढ़ते रहने के बाद पीक 16 सितंबर को आया था। उस दिन एक दिन में 97 हजार 860 नए मामले सामने आए थे। बाद में मामले कम होने लगे थे। करीब दो महीने बाद 19 नवंबर को मामले आधे घटकर 46 हजार रह गए थे। वहीं दूसरी लहर बीते मार्च से शुरू हुई। 1 मार्च को एक दिन में 12,270 मामले आए। इसके बाद हर दिन मामले बढ़ते रहे। अलग-अलग एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि दूसरी लहर का पीक इसी महीने आएगा।

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में पहले की तुलना में कोरोना संक्रमण के मामलों की रफ्तार 2.4 प्रतिशत तेजी से बढ़ी है। संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य) लव अग्रवाल ने कहा, 12 राज्यों में एक लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं, सात राज्यों में 50,000 से एक लाख सक्रिय मामले हैं और 17 राज्यों में 50,000 से कम सक्रिय मामले हैं।

महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में 1.5 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं। अग्रवाल ने कहा कि 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 15 प्रतिशत से अधिक जबकि 10 राज्यों में 25 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट है। महाराष्ट्र में पॉजिटिविटी रेट 24 प्रतिशत है।

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