बेबस मजदूर: लॉकडाउन के दौरान देशभर में 1,461 सड़क हादसे हुए, इनमें 198 प्रवासी मजदूरों सहित 750 लोगों ने जान गवाई

बेबस मजदूर: लॉकडाउन के दौरान देशभर में 1,461 सड़क हादसे हुए, इनमें 198 प्रवासी मजदूरों सहित 750 लोगों ने जान गवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-02 17:32 GMT
बेबस मजदूर: लॉकडाउन के दौरान देशभर में 1,461 सड़क हादसे हुए, इनमें 198 प्रवासी मजदूरों सहित 750 लोगों ने जान गवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में 25 मार्च से 31 मई के बीच लॉकडाउन के दौरान 198 प्रवासी मजदूरों की मौत घर लौटने के दौरान 1,461 सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। सेव लाइफ फाउंडेशन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार इन दुर्घटनाओं में 198 प्रवासी कामगारों सहित कुल 750 लोगों की मौत हुई है। 

अधिकतर हादसे ड्राइवर की थकान और तेज रफ्तार के कारण हुए
कोरोनोवायरस संक्रमण चेन को तोड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण हजारों परिवार घर जाने के लिए निकल पड़े। मीडिया-ट्रैकिंग और कई सूत्रों से वेरिफिकेशन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश दुर्घटनाएं तेज रफ्तार और ड्राइवर की थकान के कारण हुई।

उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा 94 मौतें
लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 94 मौतें हुईं। इसके बाद मध्य प्रदेश (38), बिहार (16), तेलंगाना (11) और महाराष्ट्र (9) रहे। 68 दिनों के लॉकडाउन के दौरान, 1,390 लोग सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे। उत्तर प्रदेश 30 प्रतिशत यानी 245 घायलों के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद तेलंगाना (56), मध्य प्रदेश (56), बिहार (43), पंजाब (38) और महाराष्ट्र (36) हैं। इन सबके बीच, 68 फीसदी मौतों में पैदल यात्री, दोपहिया और तिपहिया वाहनों को शामिल किया गया है।

तीसरे और चौथे चरण में सबसे ज्यादा मौतें
सेवलाइफ फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ पीयूष तिवारी ने कहा कि कोविड-19 के साथ अभी भी चारों ओर, हम बस सड़क दुर्घटना से संबंधित ट्रॉमा के साथ अत्यधिक हेल्थकेयर प्रणाली का बोझ नहीं उठा सकते। आंकड़ों से पता चलता है कि तीसरे और चौथे चरण में राज्यों से प्रतिबंधों को हटाने के साथ सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है।

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