कोयंबटूर से छुड़ाई गई MP की 11 नाबालिग लड़कियां
कोयंबटूर से छुड़ाई गई MP की 11 नाबालिग लड़कियां
डिजिटल डेस्क, भोपाल। अक्सर ऐसे मामले सुनने को मिलते हैं जब गांव में रहने वाले युवा लड़के-लड़कियों को अच्छी नौकरी का झांसा देकर बड़े शहरों में भेज दिया जाता है, जिसके बाद वहां पर उनसे मजदूरी कराई जाती है। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में भी सामने आया है, जहां की कई लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर तमिलनाडु ले जाया गया, जहां पर उनसे धागे की एक फैक्ट्री में काम कराया गया। पुलिस ने तमिलनाडु ले जाई गईं 11 नाबालिग लड़कियों को छुड़ाया है। इन सभी लड़कियों से कोयंबटूर की एक धागा फैक्ट्री में काम कराया जा रहा था। इसके साथ ही पुलिस ने इन लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर तमिलनाडु ले जाने के आरोप में 2 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। जिनमें से एक की उम्र 45 साल और दूसरे की उम्र 27 साल बताई जा रही है।
30 लड़कियों को ले जाया गया था तमिलनाडु
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डिंडोरी जिले के एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि जिले के शहपुरा क्षेत्र के आधे दर्जन गांवों की लगभग 30 बालिग और नाबालिग लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर 10 सितंबर को तमिलनाडु ले जाया गया था। इसके बाद कुछ लड़कियों के परिवार वालों ने पुलिस स्टेशन आकर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस की एक टीम को तमिलनाडु भेजा गया, जहां तमिलनाडु पुलिस की मदद से कोयबंटूर की एक धागा फैक्ट्री से इन सभी लड़कियों को बचाकर वापस लाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन लड़कियों की वहां पर फर्जी आधार कार्ड बनावाया गया और फिर उन्हें वहां पर काम पर लगाया गया।
हर लड़की पर मिलते थे 500 रुपए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों का कहना है कि उन्हें हर लड़की पर कंपनी की तरफ से 500 रुपए दिए जाते थे। पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम अगनू सिंह परस्ते (45) और शंकर सिंह वाटिया (27) हैं। पुलिस के मुताबिक ये दोनों आरोपी अलग-अलग गांव के रहने वाले थे। इनमें से अगनू धनगांव और शंकर डोकरीगांव का रहने वाला था। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि, उन्हें CPT कंपनी की तरफ से नाबालिगों को धागा फैक्ट्री में काम करने के लिए लाने को कहा गया था। इसके लिए उन्हें कंपनी की तरफ से हर लड़की पर 500 रुपए और आने-जाने का किराया दिया जाता था। आरोपियों ने बताया कि इन लड़कियों को 9 सितंबर को तमिलनाडु के लिए ले जाया गया था।
6 हजार रुपए सैलरी थी लड़कियों की
डिंडोरी जिले की रहने वाली इन लड़कियों को अच्छी नौकरी और अच्छी सैलरी का झांसा देकर धागा फैक्ट्री में काम पर लगाया गया था। लेकिन फैक्ट्री से बचाई गई इन लड़कियों का कहना है कि उन्हें इसके लिए सिर्फ 6 हजार रुपए महीना दिया जाता है। इन लड़कियों को बचाने के लिए डिंडोरी से 7 पुलिस कर्मियों की टीम तमिलनाडु गई थी।