Manipur Violence: मणिपुर में एक और सामूहिक बलात्कार का दावा, राज्य के पांच जिलों में विरोध प्रदर्शन, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

  • गैंगरेप पर मणिपुर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन
  • मीरा पैबी समूह ने खोला मोर्चा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-12 06:12 GMT

डिजिटल डेस्क, इंफाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में तीन महीने से जातीय हिंसा जारी है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं। अब इसी मामले में राज्य के मैतेई समुदाय ने एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का दावा किया है। दावा है कि चुराचांदपुर जिले में एक 37 वर्षीय महिला के साथ कथित तौर पर गैंगरेप हुआ है। जिसके खिलाफ कल यानी 11 अगस्त को हजारों महिलाओं ने मणिपुर के पांच जिले में हजारों की संख्या में विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। ये विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर किया गया था। जिसका जिम्मा मैतेई समुदाय के समूह मीरा पैबिस सग ने उठाया था। धरना इंफाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में आयोजित किया गया।

पीड़िता ने 9 अगस्त को दर्ज एफआईआर में बताया था कि, भीड़ ने अचानक उसके इलाके पर हमला कर दिया। लोगों के घरों में आग लगा दिया। चारों तरफ अफरा तफरी मच गई। इसी बीच मैं वहां से भागी तभी अचानक कुछ लोगों ने मुझे घेर लिया और मेरे साथ सामूहिक बलात्कार किया। पीड़िता ने अपने एफआईआर में बताया है कि, इस घटना के बाद वो पूरी तरह टूट गई थी अपने परिवार की इज्जत बचाने और सामाजिक बहिष्कार से बचने के लिए वो अब तक चुप बैठी थी।

दोषियों पर कार्रवाई हो- लोंगजम

विरोध प्रदर्शन का आयोजन मीरा पैबी के अध्यक्ष लोंगजाम मेमचौबी द्वारा किया गया था। लोंगजम ने कहा कि, जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है वो तुरंत गिरफ्तार हो। उन्होंने दावा किया कि, यह घटना बीते 3 मई को चुराचांदपुर में घटी थी। हम इस महिला के साथ हुए दुष्कर्म को कड़ी निंदा करते हैं। लोंगजम ने आरोप लगाते हुए कहा कि, म्यांमार के सशस्त्र आतंकवादियों ने पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ अकथनीय अपराध किए है।

जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की गई जान 

मणिपुर में तीन मई से हिंसा जारी है। कुकी और मैतेई समुदाय के लोग आमने-सामने हैं। तीन महीने से चल रही हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में केंद्री बल के अलावा राज्य पुलिस भी तैनात है लेकिन हिंसक घटनाएं अब तक शांत नहीं हो पा रही है। हिंसक घटना की मुख्य वजह मैतेई समुदाय की मांग है। मैतेई आदिवासी समुदाय का दर्जा चाहते हैं लेकिन कुकी समुदाय के लोग इसके खिलाफ हैं।

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