मणिपुर हिंसा: हिंसा को रोकने के लिए 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' लागू कर सकती है बीरेन सरकार, करीब पांच महीनों से पूर्वोत्तर राज्य में लगी है आग
- मणिपुर करीब पांच महीनों से जल रहा
- बीरेन सरकार 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' प्रदेश में लागू कर सकती है
डिजिटल डेस्क, इंफाल। मणिपुर में हिंसा करीब पांच महीनों से जारी है। इस पर अभी भी पूरी तरह से काबू नहीं पाया गया है। प्रदेश में हिंसा रोकने के लिए बीरेन सरकार ने 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' वाली व्यवस्था को अपना सकती है। इसे लागू करने की वजह ये है कि सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय बन पाए ताकि हिंसा रोकने में आसानी हो। करीब पांच महीने के अंदर हुई हिंसा की वजह से अब तक प्रदेश में 170 लोगों की मौत हो चुकी है। अब भी यहां के हालात सामान्य नहीं हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के एक सुरक्षा अधिकारी ने 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' पर बात करते हुए बताया कि, इस व्यवस्था से एक पैरामिलिट्री फोर्स का काम एक जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखना होगा। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' को लागू किया जाता है तो इसमें जवाबदेही तय करना और फोर्सेज के बीच टकराव होने की संभावना कम हो जाती है। पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा रोकने के लिए मणिपुर पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स भी लगी हुई है।
'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' पर जल्द फैसला
'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' पर एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह के नेतृत्व में एक एकीकृत कमांड इस व्यवस्था के लिए राज्यभर में सुरक्षाकर्मियों की फेरबदल का आदेश दे सकता है। दिल्ली के अधिकारी ने कहा कि, इस व्यवस्था से फोर्स के बीच में समन्वय तो बनेगा ही इसके साथ ही हिंसा अगर होती है तो उसकी जवाबदेही भी होगी। अगर किसी विशेष स्थान पर फोर्स तैनात हैं और वहां किसी प्रकार की कोई घटना घटती है तो उसका जिम्मेदार उन्हें ठहराया जाएगा। अधिकारी ने दावा किया कि सीआरपीएफ के पास ज्यादा जवान हैं, इसलिए हो सकता है कि उसे ही एक से ज्यादा जिलों में तैनात किया जाएगा।
प्रदेश में पैरामिलिट्री फोर्स की 200 से ज्यादा कंपनियां तैनात
फिलहाल मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए अलग-अलग पैरामिलिट्री फोर्स की 200 से ज्यादा कंपनियां तैनात की गई हैं। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 3 मई से हिंसक घटनाएं हो रही हैं। इस हिंसा में अब तक 170 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। प्रदेश के मैतेई और कुकी समुदाय के लोग आमने-सामने खड़े हैं। दोनों समुदायों में शांति बहाल करने के लिए देश की पांच पैरामिलिट्री फोर्स (CRPF, BSF, ITBP, SSB, CISF)निरंतर प्रयास कर रही हैं लेकिन अब कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। इनके अलावा असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस के साथ मिलकर हिंसा प्रभावित इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था और शांति स्थापित करने का काम कर रहे हैं।
सीआरपीएफ के सबसे ज्यादा जवान तैनात
अधिकारी ने बताया कि अगर आने वाले समय में मणिपुर में 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' लागू हो जाता है तो फोर्सेज की तैनाती हर जिले में मौजूद फोर्सेज के ऑफिस या कैंप के आधार पर हो सकती है। हिंसा वाले राज्य यानी मणिपुर में 16 जिले हैं। हिंसा की शुरुआत होने से पहले ही प्रदेश में सीआरपीएफ और सेना की कुछ कंपनियां तैनात थीं। मौजूदा समय में पैरामिलिट्री फोर्सेज में सीआरपीएफ के सबसे ज्यादा जवान तैनात हैं, जो मणिपुर को जलने से बचा रहे हैं। 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोर्स' पर अभी तक मणिपुर से किसी तरह की कोई ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की गई है।