कुल्तुली रेप-मर्डर केस: CM ममता बनर्जी का बड़ा एक्शन, पुलिस से मामले में पॉक्सो एक्ट की धारा लगाने के दिए निर्देश
- कुल्तुली रेप-मर्डर केस को लेकर बवाल जारी
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बड़ा फैसला
- पुलिस को पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करने के दिए निर्देश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के कुल्तुली में 10 साल की बच्ची के साथ रेप और मर्डर का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसे लेकर विपक्ष राज्य की ममता सरकार को जमकर घेर रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस को अल्टीमेटम दे दिया है। सीएम ने पुलिस से मामले में पॉक्सो एक्ट दर्ज करने का निर्देश दिया। साथ ही दोषियों को 3 महीने के अंदर-अंदर मौत की सजा सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।
इस बीच पीड़िता के परिजनों ने ममता सरकार से उचित कार्रवाई की अपील की है। इसके बाद ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बंगाल में कुल्तुली रेप मर्डर मामले को लेकर लोगों में आक्रोश नजर आ रही है। इसे लेकर सूबे में राजनीति भी गरमा गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने रविवार को पीड़ित बच्ची के साथ हुई दरिंदगी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कुल्तुली पुलिस थाने के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झूमा-झपटी भी हुई है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस बेरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास भी किया है।
इसे लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, "नौ साल की बच्ची को बचाया नहीं जा सका? बच्ची को बचाने के लिए दो नागरिक स्वयंसेवकों को तैनात नहीं किया जा सका! नाबालिग का शव शनिवार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण परगना जिले के कुल्तुली गांव में एक नहर में मिला।"
बच्ची के शव पर मिले खून के धब्बे
एएनआई के अनुसार, 10 साल की पीड़िता बच्ची के परिजन ने बताया कि बच्ची का पूरा शरीर लहुलूहान था। उसके हाथ टूटे हुए थे।परिजन ने आगे बताया कि उन्होंने अस्पताल में बच्ची की बॉडी को देखा था। परिजन का कहना था कि ट्यूशन से घर लौटते समय बच्ची गायब हो गई थी।
इसके बाद परिजन ने आगे बताया, "लड़की के शरीर पर कई चोटें हैं. उसके पूरे शरीर पर खून के धब्बे थे। हाथ टूटे हुए थे। वह ट्यूशन से वापस आते समय लापता हो गई थी। शनिवार सुबह स्थानीय लोगों ने जयनगर इलाके में दलदली जमीन से लड़की का शव बरामद किया।"
पुलिस ने मामले में बरती लापरवाही
बच्ची के परिजन ने आरोप लगाया कि पुलिस स्टेशन में पीड़िता के पिता कंप्लेन दर्ज करवाने पहुंचे थे। लेकिन, तब पुलिस ने मामले में लापरवाही बरती थी। उन्होंने कहा, "उसके पिता ने उसे हर जगह खोजने की कोशिश की, लेकिन जब वह उसे नहीं ढूंढ़ पाया तो वह पुलिस स्टेशन गया। लेकिन पुलिस ने उसकी बात सुनने से इनकार कर दिया और उसे जयनगर पुलिस स्टेशन जाने के लिए कहा। पुलिस ने मामले की अनदेखी की।"