सीएम, पूर्व सीएम, डिप्टी सीएम के बैग की तलाशी!: बैग चेकिंग को लेकर राज्य में चढ़ा सियासी पारा, जानें इलेक्शन कमीशन क्यों लेता है सामान की तलाशी?
- महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज
- आयोग देता है पुलिस, रेलवे सहित अन्य एजेंसियों को निर्देश
- पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर की भी हुई थी तलाशी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव आने में अब कुछ ही दिनों का समय बाकी है। ऐसे में राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राजनीतिक गलियारों में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में बैग चेकिंग का मामला है। दरअसल, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के सामान की तलाशी ने राज्य में बवाल मचा कर रख दिया है। हाल ही में 24 घंटों के अंदर-अंदर ठाकरे के बैग की दो बार तलाशी हो चुकी है। जिसको लेकर शिवसेना के नेता इलेक्शन कमीशन और भारतीय जनता पार्टी पर चढ़ गए हैं। ऐसे में एक सवाल काफी ज्यादा उठ रहा है कि आखिर चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा नेताओं के सामान की जांच क्यों की जा रही है? और क्या चुनाव आयोग के पास तलाशी लेने का अधिकार है भी या नहीं?
क्या आयोग ले सकता है तलाशी?
इलेक्शन कमीशन के पास हर चुनाव से पहले सामान की तलाशी लेने का पूरा अधिकार होता है। आयोग एयरपोर्ट, इनकम टैक्ट डिपार्टमेंट, पुलिस, रेलवे सहित अन्य इन्फोर्समेंट एजेंसियों के लिए निर्देश जारी करने का पूर्ण अधिकार रखता है। अधिकारी चुनाव के दौरान ज्वेलरी, नशीले पदार्थ जैसे शराब-ड्रग्स, गिफ्ट्स और कैश की आवाजाही पर पूरी नजर बनाए रखते हैं। इन चीजों पर कड़ी निगरानी रखना इसलिए जरूरी हो जाता है ताकि कोई भी नेता या पार्टी कैश-शराब जैसी अन्य चीज देकर मतदाताओं के मन में लालच पैदा कर के वोट ना खरीद सके। आपको बता दें कि, चुनाव आयोग किसी भी नेता के सामान की तलाशी ले सकता है। यहां तक की प्रधानमंत्री के सामान की भी।
पीएम मोदी की भी हुई थी तलाशी
आपको बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलिकॉप्टर की भी चेकिंग लोकसभा चुनाव के दौरान हो चुकी है। 16 अप्रैल 2019 को पीएम मोदी प्रचार-प्रसार के लिए ओडिशा के संबलपुर में रैली को संबोधित करने गए थे। उस समय कर्नाटक कैडर के आईएएस और संबलपुर के जनरल ऑब्जर्वर मोहम्मद मोहसिन ने उनके हेलिकॉप्टर की चेकिंग की थी।
उद्धव ठाकरे के सामान की कब हुई थी जांच?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले 11 नवंबर (सोमवार) को उद्धव ठाकरे के बैग की चेकिंग यवतमाल में हुई थी। उसके बाद 12 नवंबर (मंगलवार) को भी लातूर में उनके सामान की तलाशी ली गई। इसको लेकर शिवसेना (यूबीटी) चीफ काफी ज्यादा भड़क उठे हैं। उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और पार्टी नेता संजय राउत सहित कई नेताओं ने इसी चीज को लेकर चुनाव आयोग और बीजेपी पर निशाना साधा है। ठाकरे के आरोपों पर इलेक्शन कमीशन बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नताओं ने भी सफाई पेश की है।