दिल्लीवासियों को वायु प्रदूषण मिलेगी राहत!: कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी में जुटी केजरीवाल सरकार, मीटिंग में लिया गया बड़ा फैसला

दिल्लीवासियों को वायु प्रदूषण मिलेगी राहत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-08 17:11 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और मंत्री आतिशी ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति को मद्देनजर रखते हुए आज शाम IIT कानपुर की एक टीम के साथ बैठक की। इस मीटिंग के दौरान दिल्ली में 'कृत्रिम(Artificial) बारिश' की गुंजाइश को लेकर चर्चा हुई। 

इस बैठक के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई से पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "प्रदूषण की स्थिति के मद्देनजर क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश की संभावना को लेकर आज IIT कानपुर की टीम के साथ एक बैठक हुई। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कल वे सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भेजेंगे। अगर कल हमें उनका प्रस्ताव मिलता है, तो हम इसे सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेंगे। उनका (IIT कानपुर) अनुमान है कि 20-21 नवंबर को दिल्ली में बादल छाए रह सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने उनसे कल एक प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है और फिर हम इसे अदालत के समक्ष पेश करेंगे। यदि 20-21 नवंबर को बादल छाए रहेंगे और सभी अनुमति प्राप्त हो जाएंगी तो इस प्रक्रिया को किया जाएगा।''

दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। जिसके मद्देनजर सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए सभी स्कूलों को 9 दिन(9 से 18 नवंबर) के लिए बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने ओला-उबर कैब पर भी रोक लगा दी है। दरअसल, वाहनों से निकलने वाले धुंए और हरियाणा व पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़कर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है।

दिल्ली सबसे प्रदूषित

मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली और एनसीआर में 13 नवंबर तक धुंध छाई रह सकती है। बुधवार में दिल्ली के कुछ हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 तक पहुंच गया। वहीं बीते 6 दिनों की बात करें तो दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर पहुंच गया है। सरकार द्वारा वायु गुणवत्ता की श्रेणी में सुधार के लिए कई प्रतिबंधों की घोषणा की है। जिनमें ओला-उबर पर रोक शामिल है। इसके अलावा सरकार निजी कारों के लिए जल्द ही ऑड-ईवन योजना भी लागू कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

वहीं 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि ऐसी जहरीली हवा लोगों के स्वास्थ्य की हत्या के लिए जिम्मेदार है। कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान की सरकारों से कहा है कि वो खेतों में आग कैसे रोकी जाए इसे लेकर लिए केंद्र सरकार के साथ तत्काल चर्चा करें। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि वह इसे राजनीतिक लड़ाई नहीं बनने दे सकती।

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