पूरी प्लानिंग के साथ कई गई जीवा की हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए कल का दिन किसी खौफ से कम नहीं था। जहां जिला न्यायालय के कोर्ट रूम में जज के सामने ही खतरनाक अपराधी संजीव माहेश्वरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। विजय नाम के एक शूटर ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। अब जीवा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है। जिससे यह साबित होता है कि यह हत्या पूरी प्लानिंग के साथ की गई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
दरअसल, हत्या के बाद पुलिस द्वारा कराए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से पता चला है कि जीवा को जिस प्रकार से गोली मारी गई। वो काफी भयावह है। जीवा को कुल 6 गोलियां लगी और सभी गोलियां शरीर के आर-पार हो गई हैं। साथ ही उसे सभी गोलियां पीठ पर बाई तरफ मारी गई,जो सीने और पेट को चीरते हुए पार हो गई।
हत्या से पहले शूटर ने की थी रेकी
हत्या से पहले शूटर विजय कई बार कोर्ट आया और जीवा से जुड़ी जानकारी इकट्ठा की। यही नहीं शूटर ने जिस कोर्ट रूम में वारदाद को अंजाम दिया, वहां वह पहले से कई बार रेकी कर चुका था। साथ ही उसने रिवॉल्वर को कोर्ट परिसर के अंदर छिपा कर रखा था। जिस magnum.375 रिवॉल्वर से संजीव जीवा को गोली मारी गई वो prohibited bore है। इस हत्या को अंजाम देने के लिए शूटर विजय को बकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी क्योंकि जिस प्रकार से उसने वाइटल ऑर्गन को निशाना बनाया वो बिना ट्रेनिंग के संभव ही नहीं है।
फिल्मी स्टाइल में गोली मारकर की हत्या
लखनऊ में पेशी के दौरान कोर्ट रूम में फिल्मी स्टाईल में माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी संजीवा जीवा की हत्या हो गई। आरोपी कोर्ट रूम में वकील के कपड़े पहनकर आया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी यूपी के जौनपुर जिले का निवासी बताया जा रहा है। जिसकी उम्र लगभग 25 वर्ष बताई जा रही है। इस हमले में 2 पुलिसकर्मी और एक छोटी बच्ची को भी गोली लगी है। तीनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
कौन था संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा?
कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा उर्फ डॉक्टर ने 9/10 फरवरी 1997 की रात को फर्रुखाबाद के सदर विधायक व भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या कर दी थी। संजीव उर्फ जीवा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था। वह मुख्तार अंसारी गिरोह का शार्प शूटर जो भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में आरोपी था। उस पर हत्या,अपहरण,धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने के लगभग दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। निचली अदालत ने 17 जुलाई 2003 को जीवा और अन्य आरोपियों को द्विवेदी और उनके गनर की हत्या का दोषी करार दिया था,और इसी मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
यूपी पुलिस पर उठने लगे सवाल
दिन दहाड़े कोर्ट रूम में इस तरह गोली चलने और किसी की हत्या होने के बाद से उत्तरप्रदेश पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं क्योंकि अभी कुछ हफ्ते पहले इसी तरह प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद और अशरफ अहमद की भी हत्या हो गई थी। अब माफिया संजीव माहेश्वरी की हत्या के बाद अब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरु हो गए हैं। हत्या के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक एसआईटी भी गठित कर दी है। जो इस मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।