कांवड़ा यात्रा नेम प्लेट विवाद: योगी सरकार के आदेश के खिलाफ कोर्ट का रुख करेगी जमीयत उलेमा ए हिंद! आज होगी अहम बैठक
- कांवड़ा यात्रा में नेम प्लेट मुद्दे पर बवाल जारी
- योगी सरकार के फैसले पर कोर्ट जाएगा मीयत उलेमा ए हिंद
- दिल्ली में रखी अहम बैठक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में कांवड़ा रूट पर दुकानों के नेम प्लेट वाले आदेश का मुद्दा गरमाता जा रहा है। योगी सरकार के इस फैसले पर जमीयत उलेमा ए हिंद कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहा है। इस पर मुस्लिम संगठन का कहना है कि वह सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देगा। संगठन का कहना है कि इस आदेश के जरिए धर्म की आड़ में नफरत की राजनीति की जा रही है।
जमीयत उलेमा ए हिंद ने कांवड़ यात्रा से संबंधित इस आदेश को भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक बताया है। उनका कहना है कि इस फैसले पर सभी कानूनी पहलों पर विचार कर लिया है। इसके लिए जमीयत उलेमा ए हिंद ने रविवार को दिल्ली में अहम बैठक भी रखी है। मुस्लिम संगठन ने कहा कि उनकी लीगल टीम इस आदेश के कानून पहलुओं पर विचार विमर्श कर ही है।
सरकार के फैसले की आलोचना
देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद ने यूपी में कांवड़ा यात्रा के रूट पर दुकानों के नाम उल्लेख करने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला 'भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक' को दर्शाता है। यह संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का हनन करता है। इससे पहले यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर जिले के 240 किलोमीटर के अंतर्गत कांवड़ा यात्रा मार्ग पर मौजूद होटल, ढाबा, और ठेलों समेत भोजनालयों के मालिकों और यहां पर काम करने वाले लोगों के नाम को उल्लेख करने का आदेश दिया था। इसके बाद अब सरकार ने 19 जुलाई को पूरे राज्य में इस निर्णय को लागू करने का आदेश जारी कर दिया है।
मौलाना अरशद मदनी ने कही ये बात
यूपी सरकार के फैसले पर जमीयत प्रमुख मौलान अरशद मदनी ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा, ' यह फैसला भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक को दर्शाता है। इस फैसले से देश विरोधी तत्वों को लाभ उठाने का अवसर मिलेगा और इस नए आदेश के कारण सांप्रदायिक सौहार्द को गंभीर क्षति पहुंचने की आशंका है।' मदनी ने आगे कहा, 'देश के सभी नागरिकों को संविधान में इस बात की पूरी आजादी दी गई है कि वे जो चाहें पहनें, जो चाहें खाएं, उनकी व्यक्तिगत पसंद में कोई बाधा नहीं डालेगा, क्योंकि यह नागरिकों के मौलिक अधिकार के विषय हैं।' उन्होंने कहा कि कांवड़ा यात्रा को लेकर उत्तरप्रदेश सरकार का आदेश मौलिक अधिकारों का हनन करता है।