राम मंदिर: बालक राम की मनमोहक आंखों को तराशना नहीं था आसान! मूर्तिकार योगीराज ने बताया किन धातुओं से बने औजारों का किया प्रयोग

  • अयोध्या में बालक राम के दर्शन को पहुंच रहे हजारों श्रद्धालुओं
  • बालक राम की मनमोहक आंखों को तराशना नहीं था आसान
  • मूर्तिकार ने शेयर की कीमती औजारों की तस्वीरें

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-10 16:42 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या के नवनर्मित राम मंदिर में बालक राम की प्रतिमा की गूंज पूरे देशभर में सुनाई दे रही हैं। भगवान राम की इस अद्भुत मूर्ति को और भी ज्यादा खास बनाती है कि उनकी मनमोहक आखें, जिसे देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। भगवान राम की अलौकिक प्रतिमा को देश के सुप्रसिद्ध कलाकारों में से एक अरूण योगिराज ने निर्माण किया था। रामलला की आखों को बढ़ी बारिकी से तराशने के लिए उन्होंने एक विशेष तरह की हथौड़ी और छेनी का प्रयोग किया था। योगिराज ने सोशल मीडिया पर इसकी एक फोटो भी शेयर की है। जिसके पोस्ट में उन्होंने लिखा, "इस चांदी के हथौड़ी और सोने की छेनी की तस्वीर को शेयर करने के बारे में सोच रहा था, जिसका उपयोग करके मैंने अयोध्या के रामलला की दिव्य आंखें बनाईं।" आर्टिस्ट की ओर से पोस्ट की गई तस्वीर में किसी व्यक्ति की हथेली पर रखी एक चांदी की हथौड़ी और उसके पास में एक सोने की पतली छेनी को भी देखा जा सकता है।

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पोस्ट पर आ चुके 45 हजार से ज्यादा लाइक्स

अरुण योगीराज के इस पोस्ट को 45,000 से भी ज्यादा लाइक्स आ गए हैं। योगिराज के इस पोस्ट पर लोगों के रिएक्शन भी देखने को मिल रहे हैं। इंस्टाग्रम पर अपलोड इस पोस्ट को देखकर एक यूजर ने कमेंट किया, "प्रतिभा का प्रतीक! वाह अद्भुत! साझा करने के लिए धन्यवाद सर"। दूसरे यूजर ने कमेंट किया, "यह अविश्वसनीय है"। इसके अलावा पोस्ट पर अन्य लोगों ने भी हाथ जोड़ने वाली इमोजी से रिएक्ट किया है।

अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के मद्देनजर अरुण योगिराज ने विशेष तरह की मूर्ति का चयन किया था। इसके लिए उन्होंने कृष्ण शिला जिसे काली शिला भी कहते हैं, उससे भगवान राम की 51 इंच बड़ी प्रतिमा बनाई हैं। इस मूर्ति को गर्भगृह में भगवान राम के पांच साल की बालयावस्था को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था।

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