भारत-मालदीव द्विपक्षीय व्यापार: भारत ने कहा मालदीव के समक्ष द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते का कोई प्रस्ताव नहीं
- भारत सरकार द्वारा कोई विशेष प्रस्ताव नहीं
- दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौता के अलावा अन्य व्यापार समझौता
- चीनी समर्थक मालदीव के नए राष्ट्रपति मुइज्जू
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने मालदीव के समक्ष द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (डीटीए) के लिए कोई प्रस्ताव नहीं रखा है और यदि द्वीपीय राष्ट्र इस तरह के समझौते के लिए रुचि दिखाता है तो वह इस पर विचार करने को तैयार है। सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा मालदीव के साथ द्विपक्षीय एफटीए के लिए भारत सरकार द्वारा कोई विशेष प्रस्ताव नहीं रखा गया है।
मालदीव के नए राष्ट्रपति मुइज्जू चीनी समर्थक है, पिछले साल नवम्बर में ही उन्होंने पद की शपथ ली थी। मालदीव के साथ एफटीए की मांग को लेकर भारत का कथित प्रयास पिछले साल नवंबर से दोनों देशों के बीच चल रहे राजनयिक विवाद की पृष्ठभूमि में आया है।
कुछ दिन पहले मालदीव ने कहा कि भारत ने दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के प्रयास शुरू कर दिए हैं और इसकी प्राप्ति के लिए विचार-विमर्श जारी है। आर्थिक विकास और व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत चाहते हैं कि साफ्टा (दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौता) के अलावा मालदीव के साथ अलग से एक मुक्त व्यापार समझौता हो। इस पर भारत ने आज रूख स्पष्ट कर दिया है कि डीटीए के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है। जैसा की सईद ने मीडिया से कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति ने व्यापार गतिविधियों में सुगमता प्रदान करने के लिए सभी देशों को अवसर दिया। मालदीव सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक देशों के साथ समझौते करना है।
एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक भारत और मालदीव के बीच 1981 का व्यापार समझौता आवश्यक वस्तुओं के निर्यात का प्रावधान करता है। भारतीय उच्चायोग के रिकॉर्ड के मुताबिक मामूली शुरुआत से बढ़ते हुए, भारत-मालदीव द्विपक्षीय व्यापार 2021 में पहली बार 30 करोड़ डॉलर डालर ,जो 2022 में 50 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया था।