गांदरबल आतंकी हमला: एनआईए ने किया बड़ा खुलासा, दहशतगर्दों को मिला था लोकल सपोर्ट, कैंप के बारे में दी गई थीं अहम जानकारियां
- गांदरबल आतंकी हमले में एनआईए का बड़ा खुलासा
- स्थानीय सपोर्ट से दिया गया था हमले को अंजाम
- सीसीटीवी फुटेज में दो आतंकवादियों की तस्वीरें आईं सामने
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में 20 अक्टूबर की देर रात हुए आतंकी हमले में एक डॉक्टर समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को अहम जानकारियां मिली हैं। एजेंसी मुताबिक इस हमले के लिए आतंकवादियों को स्थानीय लोगों का सपोर्ट मिला था।
हमले से पहले की गई थी रेकी
एनआईए ने मामले की जांच के दौरान सीसीटीवी खंगाले और हमले में बचे लोगों से बात की। जिसके आधार पर एजेंसी ने आशंका जताई है कि लोकल सपोर्ट के जरिए आतंकवादियों को हमले और मौके से फरार होने के लिए गाड़ी मुहैया कराई गई थी। इसके अलावा हमला करने के कई दिन पहले से उस इलाके की रेकी की गई थी। एजेंसी के मुताबिक आतंकवादियों को इस बारे में जानकारी थी कि कैंप में तैनात गार्ड्स के पास हथियार नहीं हैं। कैंप में सुरक्षा भी बहुत कमजोर है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कुलगाम के स्थानीय युवक ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा जॉइन कर लिया था। पिछले साल से ही वो अपने घर से लापता हो गया। उसे एनआईए गांदरबल हमले का मुख्य आरोपी मान रही है। टनल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज में 2 आतंकियों की कैंप में एंट्री की तस्वीरें सामने आई हैं। जिनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।
एजेंसी के मुताबिक इन दोनों ही आतंकियों के पास अमेरिकन M-4 राइफल और एके-47 नजर आ रही है। वे दोनों 7 मिनट तक कैंप के अंदर रहे और अटैक करने के बाद फरार हो गए। दूसरी सुरक्षा एजेंसियों से जब एनआईए ने इन फोटोज को लेकर पूछताछ की तो दोनों में से एक आतंकवादी की शक्ल उस शख्स से मिलती-जुलती बताई गई, जो साल 2023 में अपने घर से लापता हो गया था।
बता दें कि गांदरबल के गगनगीरल इलाके में 20 अक्टूबर की रात आतंकवादियों ने मजदूरों के कैंप पर हमला किया था। जिसमें बड़गाम के डॉक्टर शहनवाज समेत बिहार और पंजाब के 6 मजदूरों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी।