किसान आंदोलन अपडेट्स: केंद्र सरकार और पंजाब के आंदोलनकारी किसानों के बीच कल हो सकती है तीसरी बैठक, मांगों पर विचार करेगी मोदी सरकार
- किसानों ने आज सुबह फिर शुरू किया 'दिल्ली चलो' मार्च
- दिल्ली, पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाले सभी बॉर्डस पर बवाल
- शंभू, सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी अन्य मांगों को पूरा करनावे के लिए हजारों किसान दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं। पंजाब के फतेहगढ़ से हजारों किसानों ने सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ मंगलवार को 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया। लेकिन पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन ने किसानों को रोक लिया है। इस दौरान मंगलवार को पूरे दिन किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष चला। जहां किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। वहीं किसानों ने भी बॉर्डर को पार करने की कोशिश जारी रखते हुए बॉर्डर पर लगे सीमेंट और लोहे के बैरिकेंड्स को जबरदस्ती हटाए। कल पूरे दिन चला यह बवाल देर शाम थम गया। लेकिन आज एक बार फिर से किसान अपने मोर्चे के साथ राजधानी की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस समय शंभू बॉर्डर पर कुल 2500 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां मौजूद हैं। किसानों और पुलिस के बीच का यह बवाल अब केवल शंभू बॉर्डर तक ही सीमित नहीं रह गया है। सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच तनाव भरी स्थिति बनी हुई है।
किसानों के 'दिल्ली चलो' आह्वान के चलते हरियाणा के 15 जिलों में धारा 144 लागू की गई है। राज्य में अर्धसैनिक बल की 64 कंपनियां और राज्य पुलिस की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के बाद निहंग भी किसानों के समर्थन में आ गए हैं। संगठन के प्रमुख बाबा रणजीत सिंह ने गुरदासपुर में किसानों के समर्थन का ऐलान किया और आंसू गैस के गोले बरसाने पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों पर की जा रही इस कार्रवाई को गैर कानूनी बताया। इसके अलावा उन्होंने 16 फरवरी को बंद का समर्थन करने का भी ऐलान किया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली चलो आंदोलन को समर्थन देते हुए कल से प्रदर्शन में शामिल होने की घोषणा की है। जालंधर में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए किसानों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कल दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक प्रदेश के सभी टोल प्लाजों पर किसान बैठेंगे ओर इस दौरान सभी टोल प्लाजाओं को फ्री कर दिया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि अगर सरकार अभी नहीं मानती है तो 18 फरवरी को दोबारा बैठक कर अगली रणनीति तैयार की जाएगी।
पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए ड्रोन से आंसू गैस के गोले फेंके जा रहे हैं। इस बीच किसानों ने पतंग से ड्रोन को फंसा लिए, काफी देर तक संघर्ष करने के बाद ड्रोन को वापस जाना पड़ा।
किसान नेता गुरनाम चढूनी ने आंदोलनकारी किसानों को अपना समर्थन दिया है और आंसू गैस फेंकने के लिए सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान का बॉर्डर नहीं है जो सरकार आंसू गैस के गोले और गोलियां बरसा रही है, हम पूरी तरह से पंजाब के किसानों के साथ हैं।
किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन पर पहलवान साक्षी मलिक का रिएक्शन आया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार को दोबारा आंदोलन के लिए मजबूर नहीं करने का निवेदन किया है।
खनौरी बॉर्डर पर जवानों और किसानों के बीच झड़प की घटना सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, किसानों ने वहां तैनात जवानों का हेलमेट और डंडा छीन लिया है। किसानों का कहना है कि वे बस पानी पीने गए थे और जवानों को लगा कि उन पर हमला किया जा रहा है। 50-60 जवान डंडे लेकर उनके पीछे दौड़े लेकिन, आगे जाकर किसानों की गिनती बढ गई और उन्होंने पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों का हेलमेट और डंडा छीन लिया।
मीडिया से बातचीत के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "पूरा किसान आंदोलन कर रहा है...एक तरफ आप भारत रत्न दे रहे हैं और दूसरी तरफ आप किसानों को रोकना चाहते हैं, उनकी मांग नहीं मानना चाहते। आखिरकार भाजपा चाहती क्या है...भाजपा के लोग पीडीए से घबराए हुए हैं...मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे सहयोगी दल पीडीए की लड़ाई को मजबूत करेंगे..."
प्रदर्शनकारी किसानों पर नजर बनाए रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया जा रहा है ताकि कानून तोड़ने वालों की पहचान कर पाना मुमकिन हो। टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने लाउडस्पीकर और मास्ट लाइट लगाने के लिए मेट्रो लाइन के नीचे लोहे का प्लेटफॉर्म लगाया है। पुलिस ने बताया कि किसानों के बैरिकेड पार करने की स्थिति में निगरानी के लिए प्लेटफॉर्म पर 12 से अधिक सीसीटीवी भी लगाए गए हैं।