किसान आंदोलन: दो दिनों के लिए रोका गया 'दिल्ली चलो' मार्च, आंदोलन को लेकर किसान संगठन करेंगे बड़ा फैसला
- दिल्ली कूच कर रहे किसानों ने दो दिनों के लिए मार्च पर लगाया रोक
- अपनी मांग को लेकर अड़े हैं किसान
- केंद्र सरकार और किसान संगठन के बीच चौथे दौर की बातचीत विफल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसान अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं। इसी बीच किसानों ने दो दिनों के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च को रोक दिया है। इस बात की घोषणा मजदूर संघर्ष समिति के प्रमुख किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बुधवार को किया। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हम खनौरी में हुई घटना पर चर्चा करेंगे। दिल्ली की ओर हमारे मार्च को दो दिन के लिए रोका जाएगा। हम बाद में पूरी स्थिति स्पष्ट करेंगे कि हमारा आगे का आंदोलन क्या होगा।"
इससे पहले केंद्र सरकार और किसान संगठन की चार दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन, अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। इसके बुधवार को किसान संगठनों ने दिल्ली चलो प्रोटेस्ट को शुरू किया। केंद्र सरकार की ओर से तीन केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों के साथ अनुबंधन करने के बाद पांच साल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर दालों, मक्का और कपास की फलसों को खरीदने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन किसान इस प्रस्ताव पर असहमति जताई।
जानें किसान क्यों कर रहे हैं आंदोलन
किसानों की सबसे खास मांग फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनना है।
किसान और खेतिहर मजदूरों का कर्जा माफ हो और उन्हें पेंशन दी जाए
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों की कीमत तय की जाए
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 फिर से लागू हो
किसान में आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार वालों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए
मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगे
लखीमपुर खीरी कांड में दोषियों को सजा मिले
नकली बीज, कीटनाशक और खाद बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाए
बिजली संशोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाए
मसाले वाली फसलों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए