नाबालिग से गैंगरेप पर मिलेगा मृत्युदंड, पहचान छिपाकर लड़की से विवाह करना भी अपराध की श्रेणी में, नए बिल में प्रावधान

  • लोकसभा में नया बिल पेश
  • देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा
  • बिल में कई कड़े प्रावधान किए गए शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-11 17:26 GMT

डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (11 अगस्त) को लोकसभा में भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 के सुधार को लेकर नया विधेयक पेश किया। शाह ने बिल पेश करते समय बताया कि कि आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) बिल लेगा।

लोकसभा में पेश किए गए इस बिल में कई कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं। खासकर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर मृत्युदंड तक का प्रावधान है। नए बिल के अनुसार अगर किसी महिला से पहचान छिपाकर शादी की जाती है तो उसे अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा।

लोकसभा में नए बिल को पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''महिलाओं के प्रति अपराध और सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए भी प्रावधान किए हैं। शादी, रोजगार और प्रमोशन के झूठे वादे या गलत पहचान बताकर जो भी यौन संबंध बनाते थे, उसको अपराध की श्रेणी में पहली बार मोदी सरकार लाने जा रही है''। माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार इस बिल से लव जिहाद पर नकेल कसने की तैयारी में है।

मृत्युदंड का भी प्रावधान

अमित शाह ने कहा कि ''गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।''

वहीं अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों पर उन्होंने कहा, "1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा।"

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