मर्डर केस: राजनेता की हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, पांच दोषियों को दी फांसी की सजा
- ओडिशा की एक अदालत ने लिया बड़ा फैसला
- नेता के हत्यकांड मामले में पांच दोषियों को सुनाई फांसी की सजा
- साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले हत्या को दिया था अंजाम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हुई राजनेता की हत्या मामले में आरोपियों को लेकर ओडिशा की एक कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने राजनेता के हत्यकांड में शामिल पांच लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें फांसी की सजा दी है। जानकारी के मुताबिक, इस मामले को लेकर कोर्ट में 53 लोगों ने गवाहियां दी हैं। राजनेता की हत्या में पांच लोगों में से एक नाबालिग भी शामिल था। कोर्ट की ओर से नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। बता दें, 2019 के लोकसभा चुनाव होने से पहले राजनेता को उनके घर के बाहर बुलाकर मौत के घाट उतार दिया था। इसके अलावा हत्यारों ने उनके शव को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया था।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश ने सुनाया था फैसला
बता दें यह पूरी घटना साल 2019 की है। ओडिश स्थित क्योंझर जिले की एक अदालत ने स्थानिय नेता राम चंद्र बेहरा मामले में पांच लोगों को फांसी की सजा का आदेश जारी किया है। कोर्ट के फैसले को लेकर अतिरिक्त लोक अभियोजक अश्विनी कुमार मल्लिक ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मंगलवार को आनंदपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 53 लोगों की गवाही और 94 दस्तावेजों को देखते हुए फैसला लिया था। राजनेता राम चंद्र हत्यकांड मामले में संजय प्रस्टी, अजीत प्रस्टी, अरुण प्रस्टी, आलेख प्रस्टी और डोला बोइतेई दोषियों के नाम शुमार हैं। मल्लिक ने आगे बताया कि नेता की हत्या के दौरान शामिल हत्यारों में से प्रमोद दास नाबालिग था। कोर्ट ने उसकी देखभालक लिए उसे (सीसीआई) की न्यायिक हिरास्त में भेजने का आदेश दिया है।
साल 2019 में लोकसभा चुनाव ले पहले की गई थी हत्या
बता दें कि, राम चंद्र बेहरा पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष रह चुके थे। साल 2019 में देश में लोकसभा चुनाव और राज्य में विधानसभा चुनाव का आगाज होने वाला था। मगर, उससे पहले 25 मार्च को क्योंझर जिले स्थित ढाकोथा गांव में राम चंद्र बेहरा के आवास के बाहर नृशंस हत्या को अंजाम दिया गया था। सबसे पहले पांच लोग उनके घर के बाहर पहुंचे। फिर राम चंद्र को उनके घर के बाहर बुलाकर जान से मार डाला। इसके बाद उनके शव को ठिकाने लगाने के उनके शरीर को बुरी तरह से क्षत-विक्षत किया गया।