कानून से न्याय: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बुलडोजर न्याय की कड़ी निंदा की, कहा न्यायशास्त्र की किसी भी सभ्य प्रणाली के लिए बुलडोजर से न्याय गलत

  • बुलडोजर न्याय बिल्कुल अस्वीकार्य
  • यूपी की योगी सरकार को 25 लाख का मुआवजा देने का निर्देश
  • अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-10 05:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शीर्ष के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बुलडोजर न्याय की कड़ी निंदा करते हुए उसे अन्यायपूर्ण बताते हुए अस्वीकार्य किया। अपने जजमेंट में सीजेआई ने कहा बुलडोजर एक्शन से न्याय,न्यायशास्त्र की किसी भी सभ्य सिस्टम के लिए उचित नहीं है। सीजेआई ने इस प्रकार की गैरकानूनी कार्रवाई को अंजाम देने या मंजूरी देने वाले अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा।

अपने कार्यकाल के आखिरी फैसले में सीजेआई ने कहा कानून के शासन में बुलडोजर न्याय बिल्कुल स्वीकार करने योग्य नहीं है। सीजेआई ने ये भी कहा अगर बुलडोजर एक्शन को परमीशन दी जाती है तो आर्टिकल 300ए के तहत प्रॉपर्टी के अधिकार की संवैधानिक मान्यता एक मृत पत्र बनकर रह जाएगी।

उन्होंने आगे कहा लोगों के घरों, संपत्तियों को तोड़कर या नष्ट करने की धमकी देकर लोगों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। सीजेआई ने कहा एक आम आदमी के पास सर्वाधिक सुरक्षा के रूप में अगर कुछ होता है तो वह उसका घर होता है। सीजेआई ने संपत्तियों के खिलाफ एक्शन लेने से पहले कुछ न्यूनतम सीमाएं निर्धारित करने के प्रस्ताव की बात भी कही। जिन्हें कार्रवाई से पहले पूरा करना होगा

 सीजेआई ने बुलडोजर एक्शन से न्याय को एक गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा अगर राज्य के किसी भी अधिकारी द्वारा गैरकानूनी व्यवहार की अनुमति दी जाती है, तो बाहरी तत्वों से नागरिकों की संपत्तियों को एक प्रतिशोध के रूप में तबाह कर दिया जाएगा  

आपको बता दें  शीर्ष कोर्ट ने 2019 में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक घर को ढ़हाए गए मामले में ये फैसला सुनाया है। सुको ने राज्य की ओर से कि गई बुलडोजर प्रक्रिया को क्रूर करार दिया।  सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को अंतरिम उपाय के रूप में याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया। आज 10 नवंबर को  भारत के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल खत्म हो रहा है। 

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